CM ने मंत्रालय परिसर में प्रदेश के दिवंगत 14 पूर्व मुख्यमंत्रियों की अर्धप्रतिमा का किया अनावरण
भोपाल। मंत्रालय (वल्लभ भवन) में प्रदेश के दिवंगत 14 पूर्व मुख्यमंत्रियों की अर्धप्रतिमाओं का अनावरण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया है। इस मौके पर सभी दिवंगत 14 पूर्व मुख्यमंत्रियों के परिजन भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने सभी के परिजनों को शॉल और श्रीफल देकर सम्मानित भी किया है। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश के विकास और निर्माण में सभी मुख्यमंत्रियों को अतुलनीय योगदान रहा है। दिवंगत मुख्यमंत्रियों की प्रतिमाओं की स्थापना से भोपाल में एक नए संग्रहालय का शुभारंभ हुआ है। सभी ने अपने-अपने स्तर पर जन-कल्याण और विकास के श्रेष्ठतम कार्य किए। उनके योगदान को हम सब नमन करते हैं। मंत्रालय प्रांगण का यह प्रतिमा संग्रहालय प्रदेशवासियों के साथ अन्य प्रदेशों से आने वाले लोगों के लिए भी एक प्रेरणा स्थल बनेगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने श्रद्धेय पं. रविशंकर शुक्ला, भगवंतराव मण्डलोई, कैलाश नाथ काटजू, द्वारिका प्रसाद मिश्र, गोविन्द नारायण सिंह, राजा नरेश चन्द्र, श्यामाचरण शुक्ल, प्रकाश चन्द्र सेठी, वीरेंद्र कुमार सखलेचा, सुन्दरलाल पटवा, अर्जुन सिंह, मोतीलाल वोरा, बाबूलाल गौर का स्मरण किया। मुख्यमंत्री चौहान ने दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्रियों की प्रतिमाओं का अनावरण किया। उनके परिजनों से भेंट कर उनका शॉल, श्रीफल से स्वागत किया।
प्रदेश में कई भाषाएं, बोलियां और संस्कृतियां समाहित
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश का गठन 1 नवम्बर 1956 को हुआ। विंध्यभारत, मध्यभारत, महाकौशल और तत्कालीन मध्य प्रांतों के कुछ हिस्सों तथा भोपाल स्टेट को मिलाकर मध्यप्रदेश अस्तित्व में आया। हमारा प्रदेश बाकी राज्यों से अलग था, मध्यप्रदेश एक भाषा अथवा एक ही संस्कृति का प्रतिनिधित्व करने वाला राज्य नहीं था, इसमें कई भाषा, बोलियां औऱ संस्कृतियां समाहित हैं। एक नवम्बर 2000 को अलग पृथक राज्य छत्तीसगढ़ का गठन हुआ, जिससे मध्यप्रदेश का भौगोलिक स्वरूप परिभाषित हुआ। आगामी 1 नबम्बर को मध्यप्रदेश को बने 67 वर्ष पूरे हो जाएंगे। इन वर्षों में मध्यप्रदेश ने विकास की एक लम्बी मंजिल तय की है।