मध्यप्रदेश

इन महिलाओं ने लाड़ली बहना योजना के तहत 1250 रुपये लेने से किया इंकार, जानें वजह

Damoh: मध्य प्रदेश के दमोह जिले की 2 लाख 57 हजार 713 महिलाएं लाड़ली बहना योजना के तहत पंजीकृत हैं। इन महिलाओं को शासन की ओर से 1250 रुपये की तीसरी किस्त का भुगतान भी किया जा चुका है, लेकिन हाल ही में 200 महिलाओं ने स्वयं ही इस योजना के तहत मिलने वाले आर्थिक लाभ को त्याग दिया है। इन महिलाओं ने ऑनलाइन आवेदन में लिखकर दिया है कि वे अब शासन की योजना में मिलने वाले 1250 रुपए की राशि का लाभ नहीं लेना चाहती हैं। महिला बाल विकास विभाग के पोर्टल पर जिले की ऐसी 200 से अधिक महिलाओं ने लाभ के परित्याग के लिए ऑनलाइन आवेदन कर अपने आपको इस योजना से बाहर कर लिया है।

पोर्टल पर योजना से परित्याग का ऑप्शन

बता दें कि पिछले दिनों शासन की ओर से कहा गया था कि केवल पात्र महिलाओं को ही इस योजना के तहत लाभ मिलेगा। जो महिलाएं पात्र नहीं हैं वह स्वयं ही इस योजना से बाहर हो सकती हैं। साथ ही यह भी कहा गया था कि अपात्र महिलाओं के मिलने पर भविष्य में संबंधित क्षेत्र के सचिवों एवं नगरीय निकाय के नोडल अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है। इस आदेश के बाद पोर्टल पर योजना से परित्याग का ऑप्शन भी रखा गया। एक महिला ने बताया उसका नाम लाड़ली लक्ष्मी योजना में शामिल है। दो बार पैसे भी ले चुकी हैं, लेकिन बीते माह उनकी नियुक्ति शिक्षक पद पर हो गई है। कोई भी शासकीय कर्मचारी इस योजना का लाभ नहीं ले सकता। जब उन्हें पता चला कि पोर्टल पर योजना से बाहर होने का ऑप्शन चालू हो गया है तो उन्होंने स्वयं ही अपनी सहमति से योजना से बाहर हो गईं।

अधिकारी ने बताया

महिला सशक्तिकरण अधिकारी संजीव मिश्रा ने बताया कि जिले की 200 महिलाओं ने शासन की लाड़ली बहना योजना के तहत मिलने वाली 1250 रुपये की राशि का त्याग कर दिया है। उन्होंने बताया कि इसमें वह कारण नहीं बता सकते क्योंकि आनलाइन आवेदन में रिजेक्ट ऑप्शन बस आ रहा है और महिलाओं द्वारा क्यों राशि त्यागी जा रही है यह उनका व्यक्तिगत मामला भी हो सकता है।

दमोह में इस समय लाड़ली बहनों के 450 रुपये में गैस सिलेंडर के आवेदन भरे जा रहे हैं तो दूसरी ओर शासन की महत्वाकांक्षी लाड़ली बहना योजना के तहत दमोह की 200 बहनों ने 1000 रुपये की राशि लेने से इंकार कर दिया है और इसके लिए ऑनलाइन आवेदन भी उनके द्वारा महिला बाल विकास विभाग के माध्यम से किए गए हैं।

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