छत्तीसगढ

ऑपरेशन मुस्कान: ‘मौत’ के बाद घर लौटी युवती! परिजनों ने 2 साल पहले कर दिया था अंतिम संस्कार, जानिए क्या है पूरा मामला

तखतपुर ऑफिस डेस्क। बिलासपुर के तखतपुर में एक युवती के साथ अजीबोगरीब वाकया हुआ. जहां एक युवती के परिवार वालों ने उसे मरा हुआ समझकर उसका दाह संस्कार कर दिया था,

लेकिन 2 साल बाद वह अपने पैरों पर चलती हुई घर आ गई. जिसे देख सभी के पैरों तले जमीन खिसक गई. युवती को उसके परिजनों से मिलानें में पुलिस की अहम भूमिका रही.

जानकारी के मुताबिक युवती तीन साल पहले घर से मंदिर जानें निकली थी, लेकिन रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी, परिवार वालों ने इसकी पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी.

पुलिस की टीम मामले की जांच करती रही, जिसके बाद दो साल पहले नांदघाट थाना की पुलिस टीम ने युवती के परिवार वालों को एक डेड बॉडी दिखाई जो पूरी तरह जली हुई थी. परिजनों ने उसे अपनी बेटी समझकर उसका अंतिम संस्कार कर भी कर दिया था.

पुलिस की रही अहम भूमिका

तखतपुर थाना प्रभारी एसआर साहू ने बताया कि युवती बिलासपुर से ट्रेन में बैठकर डोंगरगढ़ जा पहुंची थी. जिसके बाद वह डोंगरगढ़ से वापस भिलाई आकर एक बुजुर्ग दंपत्ति के घरपर रहकर घरेलू काम-काज करने लगी थी. बुजुर्ग दंपत्ति के मृत्यु हो जाने के बाद वह घर वापसी की लिए निकली, लेकिन फिर रास्ता भटक गई. इस दौरान डायल 112 ने युवती की मदद की और उसे सखी सेंटर के सुपुर्द कर दिया, इसके बाद तखतपुर पुलिस ने युवती को उसके परिजनों तक पहुंचाया.

युवती को देख परिजनों के उड़े होश

युवती के अचानक घर पहुंच जाने से परिजनों के होश उड़ गए और उसे जिंदा देख सीने से लगाकर बिलख-बिलख के रोने लगे. युवती ने परिजनों को अपनी आप बीती सुनाई तब जाकर उन्हें माजरा समझ आया. युवती के सकुशल घर लौट आने के बाद परिजनों के चेहरें पर मुस्कान लौट आयी है. वहीं तखतपुर पुलिस का धन्यवाद किया हैं.

गौरतलब है कि बिलासपुर पुलिस जिले में पुलिस कप्तान संतोष सिंह के नेतृत्व में जोरों से ऑपरेशन मुस्कान चला रही है, जिसके तहत गुम, अपहृत बालक, बालिकाओं की तलाश की जा रही है. इसी तलाश में बिलासपुर पुलिस पुणे, चेन्नई, दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल के साथ छत्तीसगढ़ राज्य के सरहदी इलाकों में भी पहुंची. परेशान परिवार के चेहरे पर मुस्कान लौटाने के इरादे से बिलासपुर पुलिस ने पिछले कुछ महीनों में ही 50 से ज्यादा गुम बालक, बालिकाओं को ढूंढ कर उनके परिजनों के सुपुर्द किया है. बच्चों के मिलाप से परिजनों के चेहरों पर खोयी हुई मुस्कान वापस लौट आयी है.

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