मध्यप्रदेश

डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे चुनाव लड़ पाएंगी या नहीं? आज होगा अंतिम फैसला

MP Election 2023: डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे की बैतूल जिले की आमला विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की संभावना है। निशा बांगरे ने चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दिया है। लेकिन शासन ने इसे मंजूर नहीं किया है। इसके पीछे निशा की विभागीय जांच चलना कारण बताया जा रहा है। इस पूरे मामले को तीन महीने से अधिक का समय हो चुका है। अब हाईकोर्ट ने शासन को निर्णय लेने के आदेश दिए हैं। जबलपुर हाईकोर्ट द्वारा दी गई मियाद के मुताबिक राज्य सरकार को आज (23 अक्टूबर) को निशा बांगरे के इस्तीफा पर फैसला लेना है। निशा बांगरे ने अपना इस्तीफा स्वीकार करने का सरकार पर दबाव बनाने के लिए आमला से भोपाल तक पदयात्रा भी की थी।

इस्तीफे की फाइल मंत्रालय में तेजी से दौड़ रही है

छतरपुर की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे के इस्तीफे की फाइल भोपाल के सरकारी दफ्तरों में लंबे समय से अटकी पड़ी थी निशा बांगरे ने अपने इस्तीफे के मामले में पहले मध्य प्रदेश हाई कोर्ट और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट की शरण ली। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जबलपुर हाईकोर्ट में तुरंत सुनवाई करते हुए सरकार को आदेश दिया कि 23 अक्टूबर तक इस मामले में अंतिम फैसला ले लिया जाए। डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे का इस्तीफा स्वीकार होगा कि नहीं बीते कई दिनों से यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है। शासन को निशा के इस्तीफे पर आज (सोमवार) शाम तक फैसला लेना है। ऐसे में ये कहा जा रहा है कि निशा के इस्तीफे की तस्वीर जल्द साफ हो जाएगी। इधर, कोर्ट के आदेश के चलते निशा के इस्तीफे की फाइल मंत्रालय में तेजी से दौड़ रही है। सूत्रों के मुताबिक पहले निशा का मामला सामान्य प्रशासन विभाग की कार्मिक शाखा में पदस्थ उप सचिव जितेंद्र सिंह चौहान देख रहे थे लेकिन अब उनके स्थान पर ये फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय में पदस्थ उप सचिव सुधीर कोचर और एक अन्य उप सचिव बृजेश सक्सेना को सौंप दी गई है। निशा की विभागीय जांच और इस्तीफे के मामले को अब ये दोनों वरिष्ठ अधिकारी देखेंगे। बता दें, निशा के इस्तीफे के इंतजार में कांग्रेस भी है। कांग्रेस ने आमला सीट को होल्ड किया हुआ है।

ये पूरा मामला

निशा डिप्टी कलेक्टर की नौकरी छोड़ आमला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहती हैं। इसके लिए उन्होंने करीब तीन महीने पहले अपना इस्तीफा भी दे दिया है लेकिन राज्य सरकार ने इसे अब तक स्वीकार नहीं किया है। ऐसे में निशा ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी। जिस पर उच्चतम न्यायालय ने हाईकोर्ट को ये आदेश दिए थे कि इस मामले में जल्द निर्णय लिया जाए। इसी आधार पर हाईकोर्ट ने शासन को 23 अक्तूबर तक निर्णय लेने का आदेश दिया है। निशा ने पहले हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन वहां देरी होने के बाद वे सुप्रीम कोर्ट पहुंची थीं।

गौरतलब है कि कांग्रेस ने अपने 229 उम्मीदवारों की सूची घोषित कर दी है लेकिन एकमात्र आमला सीट को होल्ड पर रखा गया है।कांग्रेस यहां से निशा बांगरे को चुनाव लड़वाने की तैयारी कर चुकी है। सुप्रीम कोर्ट में पिछले हफ्ते हुई सुनवाई के दौरान निशा की याचिका खारिज करते हुए हाईकोर्ट को यह आदेश दिए गए थे कि इस मामले में जल्द निर्णय लिया जाए.इसी आधार हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए शासन को 23 अक्टूबर तक निर्णय लेने और 27 अक्टूबर को एक्शन टेकन रिपोर्ट देने का आदेश दिया। सरकार ने हाई कोर्ट में दलील दी कि निशा बांगरे पर अनुशासनहीनता का आरोप है,जिसकी जांच चल रही है। जांच लंबित रहने के 3 दौरान इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

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