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बेटी का पहला हीरो होता है पिता, अपनी ही बेटी का यौन उत्पीड़न करने वाले दरिंदे से बोले जज…

नाबालिग बेटी का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में कोर्ट ने एक शख्स को 20 साल की जेल की कड़ी सजा सुनाई है।

मामला कर्नाटक का है, जहां POCSO यानी प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्शुअल ऑफेंसेज एक्ट के मामलों के लिए एक फास्ट ट्रेक कोर्ट ने हाल ही में यह फैसला सुनाया है।

इसके अलावा करीब 2.5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

घटना राजधानी बेंगलुरु के राजाजीनगर की है। इस मामले में जस्टिस के एन रूपा सुनवाई कर रही थीं। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘एक बेटी के लिए पिता पहला हीरो होता है। मौजूदा मामले में आरोपी ही पीड़िता का पिता है और यह देखना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि किस तरह से आरोपी अपनी ही बेटी के खिलाफ यौन उत्पीड़न में शामिल था। और वह भी बहुत लंबे समय के लिए।’

उन्होंने आगे कहा, ‘उसे धमकियां दी गईं कि अगर उसने मां को इस बारे में बताया तो परिणाम बुरे होंगे।’ खास बात है कि घटना के समय बच्ची की उम्र 7 वर्ष थी।

सरकारी वकील की ओर से जानकारी दी गई है कि 44 वर्षीय दोषी पर 2.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इससे पहले मां की शिकायत पर आरोपी को गिरफ्तार किया गया था।

गिरफ्तार किए जाने के बाद उसे बेंगलुरु केंद्रीय कारागार में न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। बाद में उसे जमानत दे दी गई। फैसला सुनाए जाने के दौरान वह कोर्ट में ही मौजूद था और उसे तत्काल दोबारा जेल भेज दिया गया।

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