छत्तीसगढ

रुद्राक्ष महोत्सव में भगदड़, पानी के लिए तरस रहे लोग, जान बचाकर निकली महिला ने बताया सच

 

दुर्ग। छतीसगढ़ की सिने कलाकार उपासना वैशनव अपने यात्रियों के साथ सीहोर के भगदड से जान बचा कर सुरक्षित निकली, पण्डित प्रदीप मिश्रा के रुद्राक्ष बाटने के आस्वशन ने लोगों के जान को खतरे मे डाल दिया है करोडो श्रधालु खूब प्यास पानी के अभाव में तड़पते बिलखते देख छतीसगढ़ की उम्दा लोकप्रिय कलाकार अपने यात्रियों को समझा कर जिंदगी बचाने सीहोर से बहुत मुश्किल से बाहर निकली है। वे छतीसगढ़ के साथ भारत के सभी भक्तों से लोगो से अपील कर रही हैं कि भगवान शिव मे आस्था प्रेम रख कर अपने घर गाँव शहर के देवालय में शिव पूजन करे
रुद्राक्ष के लालच मे प्रांण संक्ट मे डालने कोई सीहोर न आये। यहाँ ढोल में पोल है 

महिला ने बताया कि ये घटना कल की है और ये रुद्राक्ष महोत्सव आगे 22 तारीख तक चलने वाला है क्या काउंटर में नहीं प्रदीप मिश्रा के कार्यकर्ता रुद्राक्ष फेंक फेंक कर पब्लिक में दे रहे हैं जिससे कि वहां पर भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई है तो वह इस पर छत्तीसगढ़ की जनता से अपील कर रही है कि ऐसे कार्यक्रम में ना जाए और ऐसे भगदड़ का शिकार ना बने अपनी जान को खतरे में ना डालें।

जानकारी के अनुसार कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने रुद्राक्ष महोत्सव 16 से 22 तक रखा है रखा है जिसमे बवाल मच गया। बीते 10 घंटों में भीड़ के कारण 3000 से अधिक लोग बीमार पड़ चुके हैं, एक महिला की मृत्यु तथा तीन महिलाओं के लापता होने की खबर आ रही है। इस पर कांग्रेस पार्टी ने एमपी के सीएम से इस्तीफे की मांग की है।

ऐसी स्थिति में नियंत्रण के लिए जिला कलेक्टर एवं एसपी कानूनी रूप से जिम्मेदार होते हैं लेकिन सीहोर के इस घटना में कलेक्टर और एसपी भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं
पिछले साल कलेक्टर ने कार्यक्रम निरस्त करवा दिया था, जिसके बाद शासन की तरफ से गृहमत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने कथावाचक प्रदीप मिश्रा से माफी भी मांगी थी इसी दबाव के चलते प्रशासन भी निष्क्रिय दिखाई दे रही है यह साल चुनाव का है चुनाव सिर पर है भीड़ के लालच में शिवराज सिंह और कमलनाथ दोनों इस कार्यक्रम में आने वाले थे जिससे स्थानीय जिला प्रशासन भी दबाव में रहा।

उपासना जो कि छत्तीसगढ़ की रहने वाली महिला है उसने जानकारी देते हुए बताया कि कुबेरेश्वर धाम रुद्राक्ष महोत्सव में भीड़ और भगदड़ ऐसी है कि लोग भूख और प्यास से ही मर जाए 1 लीटर पानी के लिए 50 से ₹60 देने पड़ रहे हैं और अगर कोई लापता हो जाए तो कॉल करना भी मुश्किल है मोबाइल नेटवर्क और ट्रैफिक दोनों ही बुरी तरीके से जाम है।

एमपी की राजधानी भोपाल से मात्र 40 किलोमीटर की दूरी पर कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के कुबेश्वर धाम में रुद्राक्ष महोत्सव के अवसर पर यह भयंकर भीड़ उमड़ी जोकि लोगों के लिए प्राण घातक बन गई है। इंदौर भोपाल हाईवे जाम है भीड़ के कारण मोबाइल नेटवर्क भी जाम है 3000 से ज्यादा लोग बीमार पड़ चुके हैं जो लोग अंदर फंसे हुए हैं उन्हें बाहर निकालना बहुत ही मुश्किल है। अभी तक एक महिला की मृत्यु होने की खबर आ रही है लेकिन छत्तीसगढ़ की उपासना जी ने बताया कि वहां लगभग 30 लोगों की मृत्यु हो चुकी है और बहुत से लोग दब चुके हैं और उनकी हालत भी काफी गंभीर बताई गई।

आगे उपासना ने बताया कि रुद्राक्ष महोत्सव की सारी व्यवस्थाएं ध्वस्त है इसलिए यहां जाना जान को खतरा है वह बड़ी मुश्किल से वहां से जान बचाकर निकली है और अभी उज्जैन में है वह बाकी लोगों से अपील करती है कि इस भीड़ में ना जाएं घर पर रहकर ही भगवान शिव की पूजा और आराधना पर ध्यान दें।

एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले थे लेकिन इनका कार्यक्रम निरस्त किया गया ट्रैफिक की स्थिति नियंत्रण से बाहर हो चुकी है सब कुछ ईश्वर के भरोसे चल रहा है भीड़ को नियंत्रित करना तो बहुत दूर की बात हो चुकी है वहां फंसे लोगों को पानी के लिए भी तरसना पड़ रहा है।

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