छत्तीसगढ

तीन करोड़ की विदेशी सिगरेट जब्त, डीआरआइ ने की कार्रवाई……

रायपुर। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ) ने रायपुर से लगभग तीन करोड़ रुपये मूल्य की विदेशी सिगरेट की तस्करी करने के आरोप में चार लोगों को शुक्रवार को गिरफ्तार किया है।

डीआरआइ की ओर से जारी बयान के अनुसार, आरोपितों के पास से फ्रांस के पेरिस की 30 लाख सिगरेट मिली है। डीआरआई रायपुर इकाई को गुप्त सूचना मिली थी कि एक ट्रक में भारी मात्रा में विदेशी सिगरेट ले जाई जा रही है। सूचना पर कार्रवाई करते हुए संदिग्ध ट्रक की तलाशी ली गई,

जिसमेें एचडीपी (हाई डेंसिटी पालिथीन) बैग में पैक पेरिस ब्रांड की तस्करी की गई सिगरेट जब्त की गई। डीआरआइ ने ट्रक चालक और सहकर्मी को सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया। अब तक इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

सभी आरोपितोें को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उनको न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इससे पहले भी डीआरआइ रायपुर इकाई के अधिकारियों ने लगभग 4.16 लाख विदेशी सिगरेट जब्त की थी।

सूत्रों से मुताबिक ये काला कारोबार किसी सफेदपोश नेताओं के सहारे चल रहा था। और मुखबिरों के चलते इस तरह की बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया।

जीआरपी, आरपीएफ के अधिकारियों का दावा है कि ओडिशा और आंध्र प्रदेश से हर साल करोड़ों का गांजा देश के 20 राज्यों में तस्करी कर पहुंचाया जाता है।

इन राज्यों में गांजा आपूर्ति का मुख्य रास्ता छत्तीसगढ़ के बस्तर, महासमुंद और रायगढ़ से होकर गुजरता है। इन्हीं तीनों जिलों के अलग-अलग रास्तों से तस्कर गांजे की खेप दूसरे राज्यों में लेकर जाते हैं।

सबसे ज्यादा गांजा हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, दमन-दीव, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना,जम्मू-कश्मीर आदि राज्यों में भेजा जाता है।

इस कारोबार में बड़े-बड़े तस्कर जुड़े हुए हैं। ओडिशा के कंधमाल, कालाहांडी, गंजाम, भवानीपटना, मुन्नाीमुड़ा, नवरंगपुर, कोरापुट जिले के व्यापारीगुड़ा, आंध्र-ओडिशा सीमा और मलकानगिरी में गांजे की बड़े पैमाने पर खेती होती है। यहां के गांजे की मांग पूरे देश में सबसे अधिक है।

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