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राजदूत बोले- सहिष्णुता के लिए मील का पत्थर साबित होगा संयुक्त अरब अमीरात का मंदिर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे उद्घाटन…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 फरवरी को अबू धाबी में एक हिंदू मंदिर का उद्घाटन करने वाले हैं।

इससे पहले वह 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य राम मंदिर में राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे।

भारत में संयुक्त अरब अमीरात के राजदूत अब्दुलनासिर अलशाली ने बीएपीएस मंदिर के उद्घाटन को “सहिष्णुता और स्वीकृति का जश्न मनाने” के लिए एक यादगार और ऐतिहासिक दिन करार दिया है। अलशाली ने कहा, ”हम 14 फरवरी को उद्घाटन का इंतजार कर रहे हैं। यह एक अभूतपूर्व दिन होगा। यह सहिष्णुता, स्वीकृति का जश्न मनाने और इस रिश्ते को और मजबूत करने का एक विशेष अवसर होगा।”

पिछले महीने स्वामी ईश्वरचरणदास और स्वामी ब्रह्मविहरिदास ने बोचासनवासी श्री अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) हिंदू मंदिर की ओर से पीएम मोदी को निमंत्रण दिया था। उन्होंने इसे स्वीकार किया था।

मंदिर के उद्घाटन से ठीक एक दिन पहले अबू धाबी के शेख जायद स्पोर्ट्स सिटी स्टेडियम में प्रवासी सभा का भी आयोजन किया जाना है। इस कार्यक्रम को ‘अहलान मोदी’ नाम दिया गया है, जिसका अर्थ होता है ‘हैलो मोदी’।

संयुक्त अरब अमीरात में सबसे अधिक 35 लाख भारतीय प्रवासी रहते हैं। इसके बाद अमेरिका में 27 लाख और सऊदी अरब में 25 लाख अप्रवासी भारतीय निवास करते हैं। 

आपको बता दें कि बीते मंगलवार को भारत और यूएई ने चार समझौतों पर हस्ताक्षर करके अपने रिश्ते को और मजबूत किया है।

द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान का भारत दौरा हुआ था। गुजरात में पीएम मोदी से उनकी मुलाकात हुई। दोनों देशों ने प्रौद्योगिकी, एयरोस्पेस और अंतरिक्ष से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की है।

यूएई के राजदूत ने कहा, “तीन एमओयू स्वास्थ्य और नवीकरणीय ऊर्जा में 60 गीगावाट की परियोजनाएं विकसित करने के लिए हैं।

चौथा I2U2 के हिस्से के रूप में फूड पार्क परियोजना के लिए भूमि आवंटित करने के संदर्भ में है।” राजदूत ने कहा, “जब संयुक्त अरब अमीरात और भारत के बीच संबंधों की बात आती है तो हमेशा ठोस परिणाम होंगे।”

उन्होंने कहा, “भारत रक्षा क्षेत्र में एक बड़ा खिलाड़ी बनता जा रहा है। यूएई हमेशा उपकरणों के लिए आपूर्तिकर्ताओं पर नजर रखता है। दोनों देशों के बीच सहयोग और प्राकृतिक साझेदारी का एक स्वाभाविक क्षेत्र भी है।”

आपको बता दें कि यूएई भारत में चौथा सबसे बड़ा निवेशक है। इसके साथ ही वह तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।

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