छत्तीसगढ

सुरक्षा बल के जवानों ने सड़क में कराया था इमरजेंसी डिलीवरी, माता-पिता के साथ चिन्नागेल्लूर सीआरपीएफ कैंप पहुंची बेबी भारती…

बीजापुर : नक्सलगढ़ के कैंप चिन्नागेल्लूर ग्रामीणों की मदद करने तथा मानवीय संवेदना के प्रति संवेदनशील बनते जा रहे हैं। नक्सलगढ़ गांव पेद्दागेल्लूर की बेबी भारती का जन्म 11 सितंबर को सीआरपीएफ कैम्प कमांडर व डाक्टर ने बीजापुर जिले के चिन्नागेल्लुर कैम्प के पास रोड पर ही आपात स्थिति में करवाया था।

उसका नामकरण भी सीआरपीएफ अधिकारियों द्वारा ही किया गया था। उसके बाद उसके स्वास्थ्य को देखते हुए उसे अस्पताल भेज दिया गया था। बेबी भारती अपने माता-पिता व गांव वालों के साथ चिन्नागेल्लुर कैंप पहुंची। जहां पर सीआरपीएफ के जवानों ने पूरे जोश और उत्साह के साथ उसका स्वागत किया।

बेबी की हर संभव मदद करती रहेगी बटालियन

कैंप के कमांडर व जवानों ने माता-पिता के साथ बेबी के लिए खिलौने, कपड़े, जूते, दवाइयां व अन्य दैनिक उपयोग के सामान दिये। सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट योगेश यादव ने बताया कि बेबी भारती के लिए सीआरपीएफ 153 बटालियन और कमांडेंट के वादे अनुसार उसकी सभी आवश्यकताओं की पूर्ति की जिम्मेदारी ली है।

बेबी भारती को सीआरपीएफ 153 बटालियन हर संभव मदद करती रहेगी। कमांडेंट राजीव कुमार ने कहा बेबी भारती के स्वस्थ होकर चिन्नागेलूर कैंप लौटी तो केंप के जवानों में एक खुशी का माहौल देखा गया।

ग्रामीणों का रुझान पुलिस व जवानों के प्रति बढ़ा

कमांडेंट का कहना था कि सीआरपीएफ स्थानीय ग्रामीण लोगों की भी सभी तरह की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है। स्थानीय ग्रामीण भी धीरे-धीरे सीआरपीएफ के आम जनता के प्रति सद्भाव और सहानुभूति को समझने लगे हैं। यही कारण हैं

कि स्थानीय ग्रामीण बड़ी संख्या में चिन्नागेल्लूर कैंप के कार्यक्रम में पहुंचते हैं। कैंप के जवानों द्वारा विभिन्न समस्याओं का यथोचित समाधान ग्रामीणों को प्रदान किया जाता है। पहुंच विहिन व नक्सलगढ़ क्षेत्र होने के बावजूद ग्रामीणों का रुझान पुलिस व जवानों के प्रति बढ़ा है।

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