विदेश

ऑस्ट्रेलिया के बाद यूके और अब मलेशिया ने भी किया कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 की मेजबानी से किनारा, क्यों ऐसा कर रहे हैं देश?…

अगले कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 में होने हैं। हालांकि, अभी तक ये फैसला नहीं हुआ है कि इन खेलों की मेजबानी कौन सा देश करेगा।

ऑस्ट्रेलिया के बाद इंग्लैंड और अब मलेशिया ने भी इन खेलों की मेजबानी करने से किनारा कर दिया है।

सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया के एक स्टेट विक्टोरिया इस मेगा इवेंट के लिए मूल मेजबान था, जो कुछ समय पहले मेजबानी से पीछे हट गया।

2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी करने वाले गोल्ड कोस्ट ने दिलचस्पी दिखाई कि वे फिर से इन खेलों की मेजबानी कर सकते हैं, लेकिन बात नहीं बन सकी। 

इसके बाद यूके सरकार आगे आई, जिसने दक्षिण अफ्रीकी शहर डरबन के हार मानने के बाद 2022 राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन किया, लेकिन 2026 के गेम्स की मेजबानी के लिए इंग्लैंड तैयार नहीं है।

और अब, एक अन्य देश ने निर्णय लिया है कि वह संकटग्रस्त खेलों को संकट से नहीं उबारेगा। इसने पहले से ही खराब स्थिति में एक और झटका दिया।

ये देश मलेशिया है। ऐसे में अब इन खेलों की मेजबानी पर संकट है। इसके पीछे का कारण है कि कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन करने में बहुत सारी लागत आती है और इससे हर कोई बचना चाह रहा है। 

विक्टोरिया क्यों हटा पीछे? 

ऑस्ट्रेलिया के प्रांत विक्टोरिया ने दावा किया है कि इन खेलों की मेजबानी की लागत 4.5 बिलियन डॉलर के पार जा रही है। ऐसे में वे इसकी मेजबानी नहीं करेंगे।

विक्टोरिया के पीछे हटने के बाद कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन यानी सीजीएफ ने एक देश को मेजबानी के लिए अप्रोच किया।

कई विकल्पों पर विचार करने के बाद लगा कि मलेशिया इन खेलों की मेजबानी कर सकता है, लेकिन 2023 में जैसा विक्टोरिया ने किया, वैसा ही 2024 में मलेशिया ने कर दिया।  

मलेशिया ने क्यों किया किनारा? 

द गार्डियन की मानें तो मलेशिया ने लागत पर अनिश्चितता और अपर्याप्त धन की पेशकश के कारण प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है। हालांकि, सीजीएफ ने समर्थन निधि में 100 मिलियन यूरो की पेशकश की, लेकिन मलेशियाई अधिकारियों ने इसे अपर्याप्त माना।

हालांकि, उन्होंने कहा कि फंडिंग पर्याप्त नहीं थी, उन्होंने यह भी कहा कि वे इतने कम समय में और संभावित आर्थिक प्रभाव का आकलन करने के लिए कम समय में कार्यक्रम की मेजबानी करने के लिए प्रतिबद्ध नहीं हो सकते।

क्यों कोई नहीं चाहता मेजबानी

ओलंपिक, फीफा वर्ल्ड कप और कॉमनवेल्थ गेम्स कुछ ऐसे इवेंट जहां कुछ समय के लिए इकॉनमी बूम देखा जाता है। खेल के लिए काफी कुछ तैयार किया जाता है।

इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाता है। यहां तक कि ब्रॉडकास्टिंग राइट्स भी भारी भरकम राशि में बिकते हैं। हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि ओलंपिक और फीफा वर्ल्ड कप को ग्लोबल रीच मिलती है, लेकिन कॉमनवेल्थ गेम्स को उतनी तवज्जो नहीं मिलती है, क्योंकि इन खेलों को ब्रिटिश एंपायर से जोड़कर देखा जाता है।

सीजीएफ का क्या है अगला कदम

कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन यानी सीजीएफ को 2026 में अगर खेलों की मेजबानी करानी है तो इसके लिए सिंगापुर या कनाडा की एक सिटी को अप्रोच करना होगा।

इसके अलावा दूसरा विकल्प ये है कि इन खेलों को एक साल के पोस्टपोन किया जाए। तीसरा विकल्प है कि फंडिंग को और भी ज्यादा बढ़ाया जाए ताकि अन्य देश इन खेलों की मेजबानी के लिए आगे आएं। 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button