छत्तीसगढ

रायपुर : मुख्यमंत्री महोदय का भेंट मुलाकात कार्यक्रम आरंभ…..

रायपुर : मुख्यमंत्री महोदय का भेंट मुलाकात कार्यक्रम आरंभ

OFFICE DESK : खुड़िया ग्राम को राजस्व ग्राम करने की घोषणा से आरंभ किया संबोधन

लोरमी विधानसभा क्षेत्र में भेंट मुलाकात

सबसे पहले खाद्यान्न सहायता योजना का फीडबैक मुख्यमंत्री ने लिया। अंजु ने कहा कि चावल, नमक , शक्कर तो सस्ता है लेकिन गैस महंगा हो गया है। दुर्गा साहू से मुख्यमंत्री ने पूछा कि बायोमीट्रिक सिस्टम ले आये हैं। तकनीकी की वजह से सुविधा तो हो रही है न।  दुर्गा ने कहा, जी हाँ, यह बहुत आसान है।

धान खरीदी के बारे में किसानों से पूछा, किसानों ने छपरवा के बारे में बताया, ये जंगली क्षेत्र था लेकिन यहां भी धान खरीदी केंद्र शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री की नीति से किसानों में उत्साह लौटा है।

अंजु

गंगा निषाद ने बताया कि गोधन न्याय योजना का लाभ सभी को मिल रहा है। हम लोग समूह में दस सदस्य हैं। वर्मी कंपोस्ट बनाते हैं। इसकी बिक्री से हमारी आमदनी में विस्तार हुआ है।

सुखनंदन सागर ने बताया कि राजीव गांधी न्याय योजना की किश्तें समय पर मिल रही हैं। इस वजह से हम लोगों को आर्थिक रूप से काफी सहयोग मिला है। शासन द्वारा समय पर सहायता राशि देने का लाभ होता है।

हाट बाजार क्लीनिक के बारे में भी मुख्यमंत्री ने पूछा। हितग्राही महिला ने बताया कि ब्लड प्रेशर की समस्या का इलाज यहां चल रहा है।

मुफ्त में इलाज होता है काफी राहत मिल रही है। भगवती बाई ने बताया कि सुपोषण योजना का लाभ मिला है। मुख्यमंत्री महोदय की इस योजना से कुपोषण को दूर करने में बड़ी मद मिल रही है।

. गंगा निषाद

रघुवीर साहू ने बताया कि श्री धन्वंतरी जेनरिक मेडिकल स्टोर खुलने से आधी कीमतों में दवाई मिल रही है। इससे इलाज का खर्चा काफी घट गया है।

मुख्यमंत्री ने स्वामी आत्मानंद स्कूल के बच्चों से भी बातचीत की। साहिल वर्मा ने बताया कि काफी अच्छी पढ़ाई हो रही है और मुझे पूरी उम्मीद है कि बारहवीं में 80 प्रतिशत से अधिक अंक आएंगे।

आरती ध्रुव जो स्वामी आत्मानंद स्कूल की विद्यार्थी हैं ने अपना परिचय अंग्रेजी में दिया। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री को इतनी अच्छी सुविधा देने के लिए धन्यवाद भी दिया।

 रघुवीर साहू

मुख्यमंत्री ने जाति प्रमाणपत्र के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि हमने  इस संबंध में दिक्कत दूर करने के लिए नवजात शिशु को ही जाति प्रमाणपत्र देने के लिए पहल की है ताकि बाद में बच्चों को किसी तरह की समस्या न हो।

 

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