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नेतन्याहू पर भारी पड़ रही हमास से जंग! अब घर पर अपनों ने खोला मोर्चा, बाहर अमेरिका पीछे पड़ा…

हमास के नामो-निशान मिटाने की कसम खाने वाले इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू जंग में बुरी तरह से फंस गए हैं।

एक तरफ यूएनएससी ने गाजा शहर में कत्लेआम के खिलाफ संघर्षविराम का प्रस्ताव सर्वसम्मती से पास कर इजरायल पर दबाव बढ़ा दिया है।

अमेरिका ने यूएनएससी प्रस्ताव पर वीटो का इस्तेमाल नहीं किया, जिससे इजरायली टॉप लीडरशिप सकते में है। अब इजरायल में ही लोगों ने नेतन्याहू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

हमास के कब्जे से बंधकों की रिहाई की मांग कर रहे उनकी मां और रिश्तेदारों ने नेतन्याहू की सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

इन लोगों का कहना है कि वे अब अपनों को वापस लाने में चुप नहीं रहने वाले, अभी तक इजरायली अधिकारी चुप कराने की कोशिश कर रहे थे लेकिन अब वे चुप नहीं बैठेंगे।

इजराइली मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गाजा में बंदी बनाए गए इजराइली सैनिकों के रिश्तेदार आज पीएम नेतन्याहू से मुलाकात करेंगे।

बैठक से पहले इन लोगों ने एक संयुक्त बयान जारी किया। हमास के कब्जे से अपनों की वापसी की टकटकी लगाए लोगों ने नेतन्याहू सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। आरोप लगाया कि उन्हें लगता है कि उन्हें “उनकी सरकार ने उन्हें छोड़ दिया” है।

बंदी सैनिक की माताओं में से एक अनात एंग्रेस्ट ने कहा कि सरकार उनके हित को “अंतिम” स्थान पर रख रही है और वह अब सरकार के सम्मान में चुप नहीं रहने वाली हैं। द टाइम्स ऑफ इजरायल के अनुसार, एंग्रेस्ट ने कहा, “देश और सुरक्षा बलों के अनुरोध पर हम आज तक चुप रहे। आज हम समझते हैं कि जैसे-जैसे हमारी चुप्पी की अवधि बढ़ती जा रही है। हमारे बेटों के जीवित घर लौटने उम्मीद भी कम होती जा रही है।”

नेतन्याहू की अमेरिका से भी ठनी
इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू पर हमास से चल रही जंग लगातार भारी पड़ रही है। हाल ही में यूएनएसी ने रमजान के दौरान गाजा शहर में कत्लेआम रोकने के लिए संघर्षविराम का प्रस्ताव पास कर लिया। इससे इजरायल पर जंग रोकने का दबाव फिर बढ़ गया है।

हालांकि इस प्रस्ताव से अमेरिका ने किनारा जरूर किया लेकिन, वीटो का इस्तेमाल न करके इजरायल को नाराज जरूर कर दिया। अमेरिका ने अपने इस कदम से नेतन्याहू को संदेश दे दिया है कि अगर वह उसकी नहीं मानेगा तो वह भी उसका साथ नहीं देगा।

दरअसल, अमेरिका कई दिनों से इजरायल पर गाजा में निर्दोषों के कत्ल को रोकने का आह्वान करता रहा है।

नेतन्याहू ने एक बयान में कहा कि वह उम्मीद कर रहा था कि उसका दोस्त अमेरिका आगे आकर इस प्रस्ताव को रोक लेगा लेकिन, ऐसा नहीं हो पाया।

बता दें कि 7 अक्टूबर 2023 से शुरू हुई इस महाजंग के बाद यह पहली बार है जब यूएन में गाजा संघर्षविराम का प्रस्ताव पास हुआ है। 

हालांकि हमास ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। हमास का तर्क है कि वह बंधकों की रिहाई तभी सुनिश्चित करेगा जब इजरायल वादा करे कि वह जंग पर पूर्ण विराम लगा लेगा।

उधर, इजरायल ने गाजा में जंग रोकने के बजाय राफा शहर पर भी हमले की योजना बना ली है।

लेबनानी मीडिया ने इजरायली अधिकारियों के हवाले से खबर की पुष्टि की है कि ईद-उल-फितर के बाद 12 अप्रैल से इजरायली सेना राफा शहर पर जमीनी हमला शुरू कर सकती है।

इजरायल के इन इरादों से दुनिया इसलिए भी डरी हुई है क्योंकि गाजा में इजरायली कत्लेआम से डरकर 1.5 मिलियन की आबादी राफा शहर में शरण लिए हुए है। अब राफा में रह रहे लोगों को इजरायल के नए हमले का डर सता रहा है।

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