मध्यप्रदेश

ब्राह्मण महाकुंभ में CM शिवराज का ऐलान, पुजारियों को हर माह देंगे 5000 रूपये

मध्य प्रदेश : भोपाल के जंबूरी मैदान में रविवार को विप्रजनों के ब्राह्मण महाकुंभ (Brahmin Mahakumbh) का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में द्वारिकापीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य भी शामिल हुए. इस महाकुंभ में विप्रजनों ने सरकार से 14 मांगें की. आयोजन में कहा गया कि जिन सीटों पर सवर्ण चुनाव लड़ सकते हैं, उन पर ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग के जनप्रतिनिधि को टिकट नहीं दिया जाए.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. विप्रजनों के महाकुंभ को संबोधित करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मंच से घोषणा कि राज्य के पुजारियों को 5000 रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। इतना ही नहीं सीएम शिवराज ने ये भी ऐलान किया कि मध्य प्रदेश में मंदिरों की कोई जमीन कलेक्टर नीलाम नहीं करेगा। अब से मंदिरों के पुजारी 1 साल के लिए जमीन लीज पर दे सकेंगे।

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा “संस्कृत विद्यालय के एक से पांच तक के विद्यार्थियों को आठ हजार और छह से 12 तक के विद्यार्थियों को 10 हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे. पाठ्य पुस्तकों में भगवान परशुराम की गाथा पढ़ाई जाएगी. और भगवान परशुराम जयंती के दिन सरकारी छुट्टी रहेगी.

राज्य के सभी मंदिरों का होगा सर्वे

ब्राह्मण महाकुंभ में मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि ब्राह्मण समाज के ऐसे छात्र जो पढ़ने में मेधावी हैं, उनके मेडिकल और इंजीनियरिंग की फीस सरकार देगी। इस दौरान ब्राह्मण समाज की मंदिरों का सर्वे करवाने की मांग को भी मुख्यमंत्री ने मांन लिया। सीएम शिवराज ने कहा कि जल्द ही मध्य प्रदेश के सभी मंदिरों का सर्वे करवाया जाएगा।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने ब्राह्मण महाकुंभ में अपने संबोधन के दौरान कहा कि मध्य प्रदेश में लव को चल सकता है लेकिन से जिहाद किसी भी कीमत पर नहीं चलने दिया जाएगा। इस तरीके के काम करने वालों को पूरी तरह से नेस्तनाबूद कर दिया जाएगा। ऐसे षड्यंत्र को मध्यप्रदेश की धरती पर नहीं होने देंगे।

बता दें कि ब्राह्मण महाकुंभ में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी सर्वानंद सरस्वती भी पहुंचे थे। इस दौरान शंकराचार्य ने कहा कि मठ मंदिरों पर किसी भी सरकार का आधिपत्य नहीं हो सकता। भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है। जैसे दूसरे धर्मों के लोग अपने धार्मिक स्थलों का संचालन कर रहे हैं, वैसे ही ब्राह्मणों को भी उनके धर्म स्थलों का संचालन करने का पूरा अधिकार मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज के समय में ब्राह्मणों का एकजुट होना बेहद जरूरी है।

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