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लोकसभा चुनाव में कम मतदान की क्या वजह? निर्वाचन आयोग को टेंशन, नए प्लान तैयार…

लोकसभा चुनाव के पहले चरण में हुए मतदान का आंकड़ा करीब 65.5 फीसदी तक पहुंचा।

बीते शुक्रवार को 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 102 निर्वाचन क्षेत्रों में वोटिंग हुई। लोकसभा चुनाव के लिए अब 6 अन्य चरण (26 अप्रैल, 7 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून) शेष हैं।

मतगणना 4 जून को होगी। पहले चरण में सबसे ज्यादा सीट पर मतदान हुआ। हालांकि, वोटिंग में पिछले आम चुनाव की तुलना में इस बार करीब 3 प्रतिशत की गिरावट आई है।

इसे लेकर चुनाव आयोग भी चिंतित है और मतदान बढ़ाने को लेकर कुछ नई रणनीतियों पर जोर दिया जा रहा है। 

टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयोग से जुड़े एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि घटे मतदान को लेकर चिंता बढ़ी है।

वोटिंग बढ़ाने के लिए कई सारी कोशिशें की गईं मगर उनका बहुत हद तक नतीजा नहीं मिला। उन्होंने कहा, ‘ईसी ने लोगों को वोट डालने के लिए प्रेरित करने को लेकर जबरदस्त काम किया।

इसे लेकर कई सारे प्लान बनाए गए। साथ ही अलग-अलग प्रोग्राम के जरिए लोगों को जागरूक किया गया। जानी-मानी सेलिब्रिटीज की ओर से भी इसके लिए अपील की गई। BCCI के साथ मिलकर IPL को भी प्लेटफार्म के तौर पर यूज किया गया। हालांकि, ऐसा लगता है जैसे कि ये प्रयास नाकाफी साबित हुए।’

कम मतदान के कारणों पर हो रहा विचार’
सूत्रों के हवाले से बताया गया कि ईसी के अधिकारी फिलहाल उन कारणों पर विचार कर रहे हैं, जिनके चलते मतदान प्रतिशत नीचे आया।

वीकेंड पर इसे लेकर बैठकें हुईं और अलग-अलग कारणों पर चर्चा की गई। चुनाव आयोग अब कुछ नए प्रोग्राम लेकर आगे आएगा और मतदाताओं को जागरूक करने का पूरा प्रयास किया जाएगा।

वहीं, झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रवि कुमार ने कहा कि पूरे राज्य में वोटर अवेयरनेस प्रोग्राम जारी है।

उन्होंने कहा कि मतदान के बाद सभी वोटर अवेयरनेस फोरम अपने संस्थान से जुड़े मतदाताओं की प्रतिक्रिया से आयोग को अवगत कराएंगे। इसके लिए गैर सरकारी संस्थानों में वोटर अवेयरनेस फोरम गठित है। 

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