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शंभू बॉर्डर पर तैनात सब इंस्पेक्टर की मौत, क्या आंसू गैस के गोले से घुट गया दम?…

हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर पर अंबाला शंभू बॉर्डर में तैनात जीआरपी के SI हीरालाल की मौत हो गई।

उनकी मौत की वजह आंसू गैस के गोले से दम घुटना बताई जा रही है। पानीपत के गांव चुलकाना निवासी एसआई हीरालाल की पोस्टिंग जीआरपी समालखा चौकी में थी।

हाल ही में इनकी ड्यूटी किसान आंदोलन के चलते अंबाला में लगाई गई थी। इस दौरान आंसू गैस के गोलों से दम घुटने से उनकी मौत हो गई।

पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर अगली कार्रवाई शुरू कर दी है। मालूम हो कि आज फिर शंभू बॉर्डर पर तनाव की स्थिति बन गई है। पुलिस और किसान आमने-सामने हो गए। पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे।

वहीं, गुरदासपुर के किसान की हार्ट अटैक से मौत हो गई। मृतक किसान की पहचान ज्ञान सिंह के रूप में हुई है। 65 वर्षीय ज्ञान सिंह गुरदासपुर जिले के चाचौकी गांव के रहने वाले थे।

उन पर बैंक का 3 लाख रुपये का कर्ज था। इसी कर्ज की माफी के लिए वह आंदोलन में शामिल हुए थे। ज्ञान सिंह को 14 फरवरी को शंभू बॉर्डर पर देर शाम हार्ट अटैक आया।

सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। शुक्रवार को पटियाला के सरकारी राजिंदरा अस्पताल में बुजुर्ग किसान का पोस्टमार्टम किया गया। 

किसान नेताओं ने की मुआवजा देने की मांग
किसान नेता हरविंदर सिंह ने बताया कि ज्ञान सिंह ने साल 2020 में दिल्ली हुए किसान आंदोलन में भी सक्रियता से भाग लिया था। मोर्चे की जीत के बाद ही वह घर वापस लौटे थे।

ज्ञान सिंह बीते करीब 22 सालों से किसान-मजदूर संघर्ष कमेटी से जुड़े हुए थे। ज्ञान सिंह 11 फरवरी को अपने गांव से शंभू बार्डर के लिए रवाना हुए थे।

उन्होंने बताया कि ज्ञान सिंह व उनका बड़ा भाई काफी गरीब हैं। परिवार के पास केवल एक किला जमीन है, जिस पर खेतीबाड़ी करके बड़ी मुश्किल से गुजर-बसर करते हैं।

उन्होंने पंजाब व केंद्र सरकार से परिवार को उचित मुआवजा देने की मांग की। वहीं, किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने भी ज्ञान सिंह के परिवार को सरकार से 20 लाख की वित्तीय सहायता व परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने की मांग की है।

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