छत्तीसगढराज्य

कोल कारोबारियों की हत्या की सुपारी देने के मामले में कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू झारखंड से रायपुर लाएगी पुलिस

रायपुर।

रायपुर और रायगढ़ के कोल कारोबारियों की हत्या की सुपारी देने वाले कुख्यात गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई से जुड़े अमन साव उर्फ अमन साहू (Gangster Aman Sahu) को रायपुर लाने की तैयारी पुलिस कर रही है। अमन झारखंड की जेल में बंद है। पुलिस रायपुर कोर्ट में अर्जी लगाएगी। प्रोडक्शन वारंट मिलने के बाद वहां की जेल से लाकर इस केस में उनकी भूमिका की जांच की जाएगी। उनसे पूछताछ से छत्तीसगढ़ में प्रोटेक्शन मनी सहित अन्य के राज खुल सकते हैं। रायपुर पुलिस ने चार शूटर और पिस्टल उपलब्ध करवाने वाले सहित पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इनसे पूछताछ में अमन के खिलाफ कई अहम जानकारी पुलिस को हाथ लगी है।

कोल कारोबारियों की सुपारी लेने वाले पप्पू सिंह और शूटर रोहित स्वर्णकार ने पुलिस के सामने गैंगस्टर अमन साहू के नाम का राजफाश हुआ है। उन्होंने कहा है वे लारेंस और अमन के कहने पर ही वे यहां कोल कारोबारियों की हत्या करने आए थे। इसी वजह से पुलिस रायपुर लाएगी। पुलिस अफसरों ने संकेत दिए हैं कि पहले झारखंड दुमका जेल में बंद अमन को लाया जाएगा। इसलिए जल्द ही कोर्ट में प्रोडक्शन वारंट के लिए अर्जी लगाई जाएगी।

दूसरे राज्यों में भी हथियार की सप्लाई
मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र की बार्डर वाले गांव से गिरफ्तार हथियार सप्लाई करने वाले तस्कर राजवीर सिंह चावला उर्फ मोंटू सिंह का देश के कई शहरों के अलावा छत्तीसगढ़ के कई गैंगस्टरों से लिंक मिला है। उप्र, बिहार, महाराष्ट्र के अलावा उसने बदमाशों को पिस्टल और बुलेट सप्लाई की है। पुलिस अब उन गिरोह का पता लगा रही है, जिन्होंने राजवीर सिंह से हथियार खरीदा है। खासतौर पर छत्तीसगढ़ के किन लोगों ने उससे पिस्टल-बुलेट ली है इस बारे में उससे पूछताछ की जा रही है। मप्र पुलिस से रिकार्ड भी मांगा गया है। ये पूछा गया है कि वह इसके पहले कितनी बार पकड़ा गया है। पुलिस को जो इनपुट मिला है उसके अनुसार राजीव ने बिश्नाई गैंग को कई बार हथियार सप्लाई किया है।

2-3 हजार में बना लेते हैं पिस्टल
राजवीर सिंह चावला और उसके गांव के ज्यादातर लोग दो से तीन हजार में ही पिस्टल बुलेट बना लेते हैं। इस वजह से वे 25 से 35 हजार में गैंगस्टरों को हथियार बेच देते हैं। टायर की स्प्रिंग और ट्रक के हैंडल के नीचे वाली राड का उपयोग पिस्टल बनाने में करते हैं। इसके अलावा अन्य उपकरण और सामान उन्हें कुछ पैसे में लोकल मार्केट में मिल जाती है।

इंटरनेट मीडिया में तस्वीर अपलोड कर बेचता था हथियार
राजवीर पिस्टल की बिक्री के लिए मोन्टू सिंह नाम से अपनी फर्जी फेसबुक आइडी का प्रयोग करता था। पिस्टल बनाकर उसकी तस्वीर अपनी फेसबुक आइडी में अपलोड करता था। हथियार खरीदने वाले उसकी आइडी में डली पिस्टल की फोटो को देखकर उससे फेसबुक के माध्यम से संपर्क करते थे। अवैध हथियार के खरीदी बिक्री के लिए वाट्सएप कालिंग के लिए आरोपित दो विदेशी के वाट्सएप नंबर अजरबाईजान ( 994) और पुर्तगाल ( 351) का उपयोग करता था।

एनआइए के छापे में मिले थे 52 अवैध हथियार
कुछ सालों पहले देश की केंद्रीय जांच एजेंसी एनआइए ने भी मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले में छापामार कार्रवाई की थी। जहां एनआईए की टीम को जिले के उमटी गांव से 52 अवैध पिस्टल मिली थी। जिसे जब्त कर कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी एनआइए ने की थी। लेकिन केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा की गई छापामार कार्रवाई का जिले के 5 गांवों में कोई असर नहीं हुआ। अभी भी इन गांवों में घर-घर में अवैध हथियार बनाई और बेचीं जाती है।

 

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