दमोह में पालतू कुत्ते की मौत पर निकाली शव यात्रा, हिंदू रीति रिवाज से किया अंतिम संस्कार
दमोह जिले के हटा में एक पालतू कुत्ते की मौत पर उसके मालिक ने शव यात्रा निकाली और मुक्तिधाम में हिंदू रीति रिवाज से परिवार के सदस्य की तरह अंतिम संस्कार किया। यह सुनने में जरूर अजीब लग रहा होगा, लेकिन यह बात बिल्कुल सही है।
जानकारी के अनुसार दमोह जिले के हटा नगर के कमला नेहरू वार्ड में रहने वाले संजीत तंतुवाय के पालतू कुत्ते की बीमारी के चलते रविवार को मौत हो गई, उसकी उम्र 10 वर्ष थी। मालिक ने अपने कुत्ते बग्गू की अंतिम यात्रा निकालकर मुक्तिधाम में नम आंखों से विदाई दी। संजीत ने बताया कि उसके बड़े भाई 10 साल पहले बग्गू को घर लेकर आए थे। दो-तीन दिन उसका व्यवहार अजीब था, लेकिन फिर वह हमसे घुल-मिल गया और परिवार का सदस्य बन गया था। अंतिम यात्रा के दौरान सामान्य व्यक्ति की अंतिम यात्रा की तरह उल्टे बाजे बजाए गए। इसके अलावा लाई (मुरमुरा) और सिक्के भी लुटाए गए।
संजीत ने बताया तीन साल में मेरी मां, मेरे पिता और बड़े भाई का देहांत हो चुका है। बग्गू ही मेरा पारिवारिक सदस्य था। अभी तक मैं उसे अपने भाई की तरह रख रहा था, बीमारी के बाद उसकी मौत हो गई, इसलिए मैं काफी दुखी हूं। मैंने एक पारिवारिक सदस्य की तरह उसका अंतिम संस्कार किया।
रीति-रिवाज के साथ शव शैय्या तैयार की
संजीत ने अपने बग्गू की मौत की खबर अपने परिजनों को दी और आसपास के लोगों को दी काफी लोग एकत्रित हुए और उसके बाद पूरे रीति रिवाज से उसकी शव शैय्या तैयार की गई। फिर एक वाहन में अर्थी रखकर उसे मुक्तिधाम ले जाया गया। आगे-आगे बाजे बजते हुए चल रहे थे। मुक्तिधाम में जाकर पूरे रिवाज से उसका अंतिम संस्कार किया ।
अस्थियां प्रयागराज में विसर्जित करेंगे
संजीत ने कहा कि वह बग्गू की अस्थियां प्रयागराज में ले जाकर विसर्जित करेंगे। जिस तरह भगवान ने मेरे मां, पिता और बड़े भाई को अपने चरणों में स्थान दिया है। मैं यह प्रार्थना करता हूं कि मेरे बग्गू को भी भगवान अपने चरणों में स्थान दें। संजीत ने शाम को मुक्तिधाम जाकर अंतिम संस्कार की जगह पर दीपक भी जलाया।