मध्यप्रदेश

ई-प्रवेश : सीएलसी पहले चरण के बाद भी खाली रह जाएंगी 7 लाख सीटें, कॉलेजों के पास सिर्फ दो मौके

ई-प्रवेश: उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कालेजों में प्रवेश कराने कॉलेज चलो अभियान शुरू जरूर किया गया है, लेकिन यह सफल होता नजर नहीं आ रहा है। वर्तमान में प्रदेश के 1318 कॉलेजों में प्रवेश के लिए उच्च शिक्षा विभाग की ई-प्रवेश प्रक्रिया जारी है। सीएलसी प्रथम चरण में शामिल विद्यार्थियों को सीटें आवंटित होने का इंतजार है।

स्नातक-स्नातकोत्तर में अंतिम दिन तक 1 लाख 61 हजार 380 विद्यार्थियों ने पंजीयन और 1 लाख 46 हजार 956 विद्यार्थियों ने सत्यापन कराया है। इसमें स्नातक में 116181 एवं स्नातकोत्तर में 45199 पंजीयन हुए हैं। स्नातक में 3 जुलाई व स्नातकोत्तर के लिए जुलाई को सीटों का आवंटन किया जाएगा। हालांकि इसके बाद भी प्रदेश के कॉलेजों की करीब 7 लाख सीटें खाली रह जाएंगी। अगर विद्यार्थियों ने सीटें छोड़ी तो इस संख्या में और इजाफा होगा। ऐसे में खाली सीटों को भरने के लिए कॉलेजों के पास सिर्फ दो मौके रहेंगे।

मुख्य राउंड में सिर्फ 1.15 लाख प्रवेश

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के 1318 कॉलेजों में प्रवेश के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया चलाई जा रही है। 39 नए कॉलेज जुडऩे के बाद सीटों की संख्या 9,54,648 हो गई है। जिसमें स्नातक की 733416 और स्नातकोत्तर की 2,21,232 सीटें कॉलेज प्रवेश प्रक्रिया के तहत मुख्य राउंड में आवंटित सीटों पर अंतिम दिन तक सिर्फ 1.15 लाख प्रवेश हो सके हैं। 60,398 विद्यार्थियों ने सीट छोड़ दी थी। जिसमें स्नातक में 43475 एवं स्नातकोत्तर में 16929 आवंटित सीटें विद्यार्थियों द्वारा छोड़ी गई हैं। इसके बाद प्रदेश के कॉलेजों में 839430 सीटें खाली हैं।

प्रवेश कराने में कोई फोकस नहीं

जानकारों की माने तो, सरकारी कॉलेजों में करीब 32 हजार प्रोफेसरों होने के बावजूद कॉलेजों में न तो शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ी और न ही अपेक्षाकृत प्रवेश हुए हैं। ई-प्रवेश के पहले मुख्य राउंड के बाद अभी भी 6.48 लाख सीटें खाली हैं। इसकी वजह विभाग का सरकारी कालेजों में गुणवत्ता बढ़ाने औपचारिकता जरूर की गई है, लेकिन प्रवेश कराने में कोई फोकस नहीं है। इसलिये प्रवेश प्रक्रिया में विद्यार्थियों की ज्यादा रुचि नहीं दिखाई दे रही है। यही कारण है कि प्रदेश के 520 सरकारी कालेजों में प्रवेश की स्थिति काफी लचर बनी हुई है।

पिछली बार पहले चरण में हुए थे करीब 95 हजार प्रवेश

गत वर्ष उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कालेज चलो अभियान के अलावा सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) प्रवेश बढाने के लिये प्रोफेसरों पर सख्ती तक दिखाई थी। इसके चलते गत वर्ष पहले राउंड में करीब 95 हजार एडमिशन हुए थे। वर्तमान सत्र के मुख्य पहले चरण में स्नातक में मात्र 85 हजार एडमिशन हुए हैं।

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