राजनीतिक

विस उपचुनाव: अब जोखिम नहीं लेगी भाजपा,जमीन पर उतारे अपने दिग्गज

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं। यहां भाजपा की योगी सरकार है और लोकसभा चुनाव में पार्टी गच्चा खा चुकी है अपेक्षानुसार यहां की सीटे भाजपा को नहीं मिलीं हैं। इसलिए भाजपा किसी भी हाल में जोखिम लेना नहीं चाहती है। पार्टी फूंक फूंककर कदम रख रही है।
शीर्ष नेताओं ने उपचुनाव की कमान संभाल ली है। पहले चरण में सीएम योगी आदित्यनाथ अयोध्या से इस चुनावी अभियान की शुरुआत करेंगे। सीएम योगी अयोध्या (फैजाबाद) के मिल्कीपुर और अम्बेडकरनगर की कटेहरी सीट का दौरा करेंगे। मिल्कीपुर विधानसभा सीट से अवधेश प्रसाद विधायक थे। लेकिन लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह सीट खाली हो गई है।  
मिल्कीपुर उपचुनाव में जीत हासिल करने के लिए भाजपा मैनेजमेंट में जुट गई है। भाजपा कोर कमेटी के चार सदस्य भी दो-दो सीट का करेंगे दौरा। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या को फूलपुर और मझंवा सीट की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को सीसामऊ और करहल का चुनावी कार्यभार दिया गया है। जबकि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी मीरापुर और कुंदरकी जाएंगे। महामंत्री संगठन धर्मपाल को खैर और ग़ाज़ियाबाद का दौरा करेंगे।
बता दें कि लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद सीएम योगी ने 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर लगातार बैठक की है। हाल ही में सीएम योगी ने सुपर-30 की भी टीम तैयार की है। इसके अलावा कई समीक्षा बैठकें भी हुई हैं। मिल्कीपुर से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद और कटेहरी से सांसद लालजी वर्मा की बेटी छाया वर्मा को मैदान में समाजवादी पार्टी उतार सकती है। हालांकि अभी आधिकारिक घोषणा बाकी है। बता दें कि कानपुर के सीसामऊ विधानसभा सीट सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा होने से खाली हुई है। बाकी 9 सीटों के विधायक सांसद बन चुके हैं। जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें सीसामऊ, मिल्कीपुर, कटेहरी और कुंदरकी सीट समाजवादी पार्टी के पास थी। 

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