मॉकड्रिल: अचानक बड़े तालाब के ऊपर गडग़ड़ाने लगा सेना का हेलीकॉप्टर, बाढ़ में फसे युवक को बचाया!
मॉकड्रिल: प्रदेश में मानसून पूरी तरह से आ चुका है, हालांकि इस समय मानसून कमजोर पड़ा हुआ है। बीते वर्षों तेज बारिश से बाढ़ और जलभराव की स्थितियां प्रदेश में कई स्थानों पर बनीं। चंबल और ग्वालियर संभागों में सेना के हेलीकॉप्टरों के जरिए लोगों को बाढ़ से निकाला गया था। ऐसे में इस वर्ष बारिश शुरू होते ही सेवा ने बाढ़ से बचाव का मॉकड्रिल शुरू कर दिया है। बुधवार सुबह भोपाल स्थित सेना के सुदर्शन चक्र कोर के जवानों ने बड़े तालाब में बाढ़ राहत व बचाव कार्य का अभ्यास किया। अभ्यास के लिए बड़े तालाब में तीन मंजिला फोलिटिंग हाउस बनाया गया जिसमें फंसे युवक को ड्रोन के जरिए लोकेशन ली, फिर नाव से उसे बचाने के लिए सेना के जवान पहुंचे। पानी अधिक होने के कारण हेलिकाप्टर के जरिए बाहर निकला।
लोग समझ नहीं पाए क्या हो गया
सेना के अधिकारी और जवान एक साथ बड़ी संख्या में बड़े तालाब पहुंचे और बड़े तालाब के ऊपर सेना का हेलीकॉप्टर गडग़ड़ाने लगा। ऐसे में वहां मॉर्निंग वॉक करने और पास में रहने वाले लोगों को समझ नहीं आया कि अचानक क्या हो गया। लोग एक टक ऊपर देखने लगे की कोई बड़ी घटना तो नहीं हो गई, सेना का हेलीकॉप्टर उड़ान भर रहा हौर जमीन पर सेना के जवान दौड़ लगाते हुए बड़े तालाब की तरफ जा रहे हैं। बाढ़ राहत के बचाव कार्य के अभ्यास में सेना के इंजीनियर रेजिमेंट, टास्क फोर्स और सेना के कमांडरों ने भाग लिया, जो नागरिक प्राधिकरण की सहायता के हिस्से के रूप में बाढ़ राहत कार्यों के दौरान राज्य में कार्यरत रहते हैं। अभ्यास में एसडीईआरएफ और एनडीआएफ के जवानों ने भी हिस्सा लिया है।
ट्रेनिंग का भी हिस्सा
दरअसल सेना के जवानों को प्रशिक्षण के तहत भी इस तरह के कार्यों का प्रशिक्षण दिया जाता है। बुधवार को वाटरमैनशिप ट्रेनिंग सेंटर (सेलिंग नोड) के तहत ही खानूगांव के पास बाढ़ में फंसे लोगों को आपातकाल के दौरान कैसे निकाला जाए। पानी में घिरे लोगों को निकालने के साथ बाढ़ में फंसे लोगों के शरीर में बाढ़ का पानी चला जाए तो उनके शरीर से कैसे पानी निकाला जाए और उन्हें होश में लाया जाए का अभयास किया गया।
सेना के कमांडर स्तर के अधिकारी भी शामिल
बाढ़ राहत कार्य पूर्वाभ्यास में इंजीनियर रेजिमेंट, टास्क फोर्स और सेना के कमांडरों ने भाग लिया है। अभ्यास में आर्मी एविएशन विंग के हेलीकाप्टर भी शामिल थे, जो बचाव कार्य और संसाधनों की आवश्यक आपूर्ति को प्रदर्शित कर रहे थे। अभ्यास में योजना, तैयारी, मांग, नागरिक प्रशासन के साथ संपर्क के साथ बचाव कार्य में लगे सेना के जवानों और अधिकारियों को वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा समय-समय पर दिए जाने वाले निर्देशों को लेकर एक व्याख्यान भी हुआ है।