इंद्रावती नदी पार के गांव में गूंजा सारे जहां से जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा
स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद कर तिरंगा ध्वज को दी गई सलामी
बीजापुर। इंद्रावती नदी पार भैरमगढ़ ब्लॉक के प्राथमिक शाला कोशलनार के सरपंच पारा में आजादी का जश्न हर्षोल्लास और गरिमामय वातावरण में मनाया गया। स्कूल के नन्हे-मुन्हे बच्चों और ग्रामीणों ने हाथों में तिरंगा थामे भारत माता की जयकारा और सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा के साथ प्रभात फेरी निकाली। इसके बाद शाला प्रांगण में ध्वजारोहण समारोह हुआ। मुख्य अतिथि पूर्व सरपंच रघुपदामी ने तिरंगा लहराया और सलामी दी। इस मौके पर विशेष अतिथि शाला प्रबंध समिति के अध्यक्ष बकरू कड़ती की ओर से भी झंडे को सलामी देते हुए स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ दी गई। आजादी के जश्ने मुबारक में शामिल स्कूली बच्चे राष्ट्र भक्ति से ओतप्रोत और काफी प्रफुल्लित नजर आ रहे थे। यही नहीं ग्रामीणों में भी जबरदस्त उत्साह व देश प्रेम का जज्बा देखा गया।
आजादी के 78 वीं सालगिरह के शुभ अवसर पर मुख्य अतिथि रघु पदामी ने कहा कि आजादी के महनायकों के बताए रास्ते पर चलकर हम सब को देश की तरक्की और खुशहाली के लिए काम करना है। स्कूली बच्चों को उन्होंने खुब मन लगा कर पढ़ाई करने की अपील भी की। संस्था के शिक्षक थलेश ठाकुर ने कहा कि राष्ट्र पिता महात्मा गॉंधी, चंद्र शेखर आजाद, बाल गंगाधर तिलक, खुदीराम बोस, लाला लाजपत राय, भगत सिंह विपिन चंद्र पाल और सुभाष चंद्र बोस के त्याग व बलिदान की बदौलत भारतीयों को आजादी मिली। सरदार भगत सिंह और चंद्र शेखर आजाद जैसे युवा क्रांतिकारियों ने अंग्रेजी हुकूमत का डटकर मुकाबला करते हुए अपने प्राणों की आहूति दी। अंग्रेजों ने क्रान्तिकारियों के आंदोलन को कुचलने, कई तरह की यातनाएं दी पर अंत में स्वतंत्रता सेनानियों के देश भक्ति के अंग्रेज़ों को झुकना पड़ा और 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश राज का खात्मा हुआ। श्री ठाकुर ने कहा कि 15 अगस्त का दिन सभी भारतीयों के लिए गर्व का दिन है। साथ ही देश की आज़ादी में सर्वस्व न्यौछावर करने वाले शहीदों के प्रति सम्मान वयक्त करने का महत्वपूर्ण दिन है। श्री ठाकुर ने स्कूली बच्चे तथा ग्रामीणों को मद्यपान, अश्पृष्यता जैसे सामाजिक कुरीतियों को त्याग कर देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों के बताए रास्ते पर चलने व देश की एकता तथा अखंडता बनाए रखने की अपील की। समारोह प्रधान पाठक सतबती नाग और शिक्षक सायबी हिचामी ने भी अपने विचार वयक्त किया। आजादी के मुबारक मौके पर बच्चों के बीच वाद- विवाद तथा अन्य स्पर्धा भी कराया गया।