छत्तीसगढ

देवगुड़ियों के निर्माण में भ्रष्टाचार, RTI में हुआ खुलासा : युवा आयोग के पूर्व सदस्य ने कलेक्टर से की शिकायत, कहा – दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो जाएंगे हाईकोर्ट

देवगुड़ियों के निर्माण में भ्रष्टाचार, RTI में हुआ खुलासा : युवा आयोग के पूर्व सदस्य ने कलेक्टर से की शिकायत, कहा – दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो जाएंगे हाईकोर्ट

बीजापुर : जिले में 117 देवगुड़ियों के निर्माण में भ्रष्टाचार का एक सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है.इसका खुलासा सूचना के अधिकार में हुआ है.

मामले में युवा आयोग के पूर्व सदस्य अजय सिंह ने बीजापुर कोतवाली में शिकायत भी दर्ज कराई है. इसके अलावा कलेक्टर बीजापुर को लिखित शिकायत कर पूरे मामले की सुक्ष्मता से जांच कर अविलंब कार्रवाई की मांग भी की है.

अजय सिंह के मुताबिक इतने बड़े भ्रष्टाचार में विधायक की भूमिका से रत्तीभर इंकार नहीं किया जा सकता है. अपने चहेते ठेकेदार को फायदा पहुंचाने देवगुड़ियों के निर्माण में जालसाजी कर काम पूरा किए बिना बड़ी रकम एकमुश्त ठेकेदार के खाते में डलवा दी गई. मामले का खुलासा करते हुए

अजय ने कहा कि बीजापुर के एक कथित ठेकेदार के कर्मचारी को पूरी जालसाजी में मोहरा बनाया गया है. अनिल लिंगम के नाम से फर्जी तरीके से फर्म किसान बोरबेल्स एंड सप्लायर्स को कार्यादेश जारी करते हुए 24 घंटे के भीतर देवगुड़ी निर्माण कार्य के लिए संबंधित प्रगति दिखाते हुए 40 फीसदी राशि जारी कर दी जाती है.

इतना ही नहीं उक्त निविदा जारी होने और अंतिम तिथि के बाद पंजीकृत कराए गए फर्म के नाम पर निविदा की जगह कोटेशन मंगाकर खाते में राशि आहरित कर ली गई है.

अजय सिंह ने कहा, जालसाजी में विधायक विक्रम की संलिप्तता इसी बात से उजागर होती है कि देवगुड़ी निर्माण के कार्यादेश के बदलने के लिए विधायक अपने लेटर हेड में कलेक्टर बीजापुर को पत्र लिखकर कार्य की प्रगति और गुणवत्ता के बहाने जनपदों को स्वीकृत देवगुड़ी निर्माण कार्य को सहायक आयुक्त् विकास विभाग को निर्माण एजेंसी बनाने पत्र लिखते हैं.

इसके बाद जनसंपर्क विभाग के माध्यम से विज्ञापन छपवाने में गड़बड़ी करते हुए एक विज्ञापन साप्ताहिक और दैनिक अखबार में छपवाया जाता है. सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग ने एजेंसी बनाये जाने 27 दिसंबर 2022 से पूर्व ही 26 दिसंबर 2022 को विज्ञापन जारी करना अपने आप में कूटरचना का शुरूआती पहलु दर्शाता है.

अजय के मुताबिक, निविदा में जिसे काम दिया गया है वह बीजापुर के कथित ठेकेदार विधायक का करीबी भी है. उनके कर्मचारी अनिल लिंगम के फर्म किसान बोरबेल्स एंड सप्लायर्स नाम से फर्म निविदा जमा होने की अंतिम तिथि 30 जनवरी 2023 के बाद 3 फरवरी 2023 को जीएसटी पंजीयन कराता है.

उसके बाद सहायक आयुक्त एवं कलेक्टर बीजापुर द्वारा 13 फरवरी 2023 को कार्यादेश कोटेशन पर ही मंजूर कर लिया जाता है. उसके अगले ही दिन 14 फरवरी 2023 को बैंक खाते में फर्म के नाम पर 50 प्रतिशत अग्रिम भुगतान के आवेदन पर उसे अगले ही दिन चेक के माध्यम से सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग 62 जगहों के कार्य प्रगति पर दर्शाकर 40 प्रतिशत रकम 1 करोड़ 39 लाख 68 हजार रुपए भुगतान कर दिया जाता है.

दोषियों को हर हाल में सजा दिलवाकर रहेंगे

आरोप यह भी है कि निविदा प्रक्रिया में गड़बड़ी को छिपाने आरोपियों द्वारा ऑफिस ऑफ इंजीनियर एंड चीफ पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट छत्तीसगढ़ में पंजीयन कराने की कोशिश की है. 17 अप्रैल 2023 को फर्म के नाम पर प्रोप्राइटर अनिल लिंगम के नाम से डी श्रेणी में पंजीयन कराया गया. खुलासा कर रहे

अजय सिंह का कहना है कि प्रशासन इस पर अविलंब कार्रवाई नहीं करती है तो वे पूरे मामले को लेकर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका भी दायर करेंगे. दोषियों को हर हाल में सजा दिलवाकर रहेंगे. इस मामले को लेकर कलेक्टर बीजापुर राजेंद्र कटारा से फोन पर चर्चा का प्रयास किया गया तो उन्होंने व्यस्तता का हवाला दिया.

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