CM शिवराज के गृह जिले विदिशा में बेटी के हत्यारों पर कार्रवाई न होने पर बेबस पिता ने की आत्महत्या
मध्यप्रदेश में सरकार बेटियों की सुरक्षा का जोर शोर से नारा बुलंद करती है पर सरकार की बेटी बचाओ और बेहतर कानून व्यवस्था की पोल CM शिवराज के गृह जिले विदिशा में खुल गई यहां छेड़छाड़ से तंग आकर लगभग दो महीने पहले आत्महत्या करने वाली बीए फर्स्ट इयर की छात्रा के पिता ने भी गुरुवार को फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। पिता अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए लड़ रहा था, लेकिन पुलिस उसकी सुनवाई नहीं कर रही थी। क्योंकि आरोपी बीजेपी से जुड़े थे। दो मौतों के बाद परिजनों ने शव रखकर चक्काजाम कर दिया। तब जाकर पुलिस ने पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार छह लोगों के खिलाफ धारा- 306 आईपीसी के तहत केस दर्ज किया।
मामला विदिशा जिले के नटेरन थाने के दुपारिया गांव का है। यहां छात्रा रक्षा गोस्वामी ने दो महीने पहले पहले सुदीप धाकड़ और पांच अन्य आरोपियों के द्वारा छेड़छाड़ से परेशान होकर आत्महत्या कर ली थी। उसने सुसाइड नोट में छह लोगों के नाम भी लिखे थे। फिर भी पुलिस ने सिर्फ सुदीप धाकड़ पर केस ही केस दर्ज किया। जमानत पर छूटने के बाद से आरोपी उसके पिता को धमका रहा था। इससे डरे हुए पिता धीरेंद्र गिरि ने भी आत्महत्या कर ली। इधर, धीरेंद्र के सुसाइड पर भड़के परिजन और ग्रामीणों ने शुक्रवार को इंसाफ के लिए सड़क पर उतरे और उन्होंने पुजारी का शव स्ट्रेचर पर रखकर विदिशा-सांची रोड पर लगभग दो घंटे तक चक्काजाम किया, जिसमे उन्होंने सुसाइड नोट में लिखे नौ लोगों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की। उसके पश्चात पुलिस ने छह आरोपियों पर केस दर्ज किया।
ग्रामीणों के हंगामा और चक्काजाम के बाद कोतवाली थाना टीआई आशुतोष सिंह ने दिनेश, जीवन, कुलदीप, वीरन, सुदीप और राकेश सहित छह आरोपियों के खिलाफ धारा-306 के तहत एफआईआर दर्ज की है। वहीं, विदिशा एसपी दीपक कुमार शुक्ला ने बताया कि रक्षा के साथ छेड़छाड़ करने और धमकाने वाले छह लोगों पर धारा-306 के तहत केस दर्ज किया गया है।
कमलनाथ ने बताया बड़ी विडंबना…
प्रदेश से हर दिन अमानवीय अत्याचार और नागरिकों को सताए जाने की घटनाएं सामने आ रही हैं। विदिशा में कल एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली। इससे पहले उनकी बेटी ने छेड़छाड़ से त्रस्त होकर आत्महत्या कर ली थी। यह कितनी बड़ी विडंबना है कि एक बेटी छेड़छाड़ से दुखी होकर आत्महत्या कर लेती है और उसे न्याय नहीं मिलता। तंग आकर उसके पिता को भी आत्महत्या करनी पड़ती है।
पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा, अगर यह घटनाएं भी शिवराज सरकार की आंखें नहीं खोल सकती तो आखिर कौन सा अत्याचार देखने के बाद इनकी आत्मा जागेगी।सरकार सिर्फ लीपापोती करने, पाखंड करने और अभिनय करने में व्यस्त है। हमें इन हालात को बदलना है, एक सुखी और समृद्ध मध्यप्रदेश बनाना है। जहां बेटियां सुरक्षित हों, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक और सर्वसमाज सुरक्षित हो।