छत्तीसगढ

नगरनार प्लांट के लिए बोली न लगाएं अन्यथा घुसने नहीं दिया जाएगा : रेखचंद जैन

नगरनार प्लांट के लिए बोली न लगाएं अन्यथा घुसने नहीं दिया जाएगा : रेखचंद जैन

जगदलपुर / नगरनार :- बस्तर जिला के नगरनार में प्रस्तावित एनएमडीसी स्टील प्लांट को निजी क्षेत्र को सौंपने के केंद्र सरकार के फैसले के मध्य शुक्रवार को क्षेत्रीय विधायक व संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने कहा है

कि नगरनार क्षेत्र के प्रभावित गांवों, जमीन देने वालों, राजनैतिक-सामाजिक संगठनों, मजदूर संगठनों और समस्त जनता में नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण को लेकर जबरदस्त आक्रोश व नाराजगी है।

उन्होने सार्वजनिक मंच से चेतावनी देते कहा कि कोई भी उपक्रम या व्यक्ति बोली न लगाए अन्यथा उसे घुसने नहीं दिया जाएगा।

नगरनार स्टील प्लांट के सामने आयोजित प्रभावित ग्राम पंचायतों के एक दिवसीय हड़ताल को संबोधित करते श्री जैन ने मंच के माध्यम से यह प्रस्ताव दिया कि कोई भी बोलीदार स्टील प्लांट के स्वामित्व व संचालन के लिए बोली न लगाए अन्यथा उसे नगरनार क्षेत्र में प्रवेश करने नहीं देंगे,

संचालन तो दूर की बात है। अपने प्रस्ताव के पक्ष में उन्होने उपस्थित जनों व संघ- संगठनों से इस प्रस्ताव के पक्ष में हाथ उठाने कहा, जिस पर मौजूद समस्त लोगों ने अपनी सहमति दी।

इस दौरान विधायक जैन ने दुष्यंत कुमार की रचना – हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए, इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए का, जब मंच से वाचन किया तो सभा स्थल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

जन समुदाय को नगरनार सरपंच लैखन बघेल, कर्मचारी नेता महेंद्र जॉन समेत अन्य लोगों ने भी संबोधित किया। सभा का संचालन इंद्रावती बेसिन विकास प्राधिकरण के सदस्य सियाराम नाग ने किया।

इस दौरान बलदेव साहू, रुक्मणी कर्मा, कविता साहू, संतोष यादव, जीशान कुरैशी, हेमू उपाध्याय, गौरनाथ नाग, जयंती कश्यप, विजय सिंह, विकास राव, जलंधर नाग, हेमंत कश्यप,

धनुर्जय दास, घनश्याम महापात्र, संजय, रवि कश्यप, शंकर नाग, मनधर कश्यप, संतोष सेठिया, गुड्डू बिसाई व अन्य तथा मजदूर संगठनों के पदाधिकारी- कार्यकर्ता, विभिन्न ग्रामों के लोग मौजूद थे।

नगरनार को मिलकियत न समझे केंद्र सरकार : बैज

बस्तर सांसद दीपक बैज ने आक्रामक तेवर अपनाते कहा है कि केंद्र सरकार नगरनार के स्टील प्लांट को अपनी मिलकियत न समझे। नगरनार में सार्वजनिक क्षेत्र के स्टील प्लांट की स्थापना के लिए क्षेत्रीय लोगों ने अपनी जमीन दी है।

अब विनिवेशीकरण में उनकी राय को नजरअंदाज कर जन भावनाओं को भड़काने का काम किया जा रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बैज ने कहा है कि संसद के आगामी सत्र में इस विषय को पुरजोर तरीके से उठाकर जन भावनाओं से केंद्र सरकार को अवगत कराया जाएगा।

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