छत्तीसगढ

नवोदय विद्यालय के 100 स्टूडेंट्स को आई फ्लू : वायरस, बैक्टीरिया फंगस के संक्रमण से फैली बीमारी, स्वास्थ्य विभाग ने स्कूल में लगाया कैंप

नवोदय विद्यालय के 100 स्टूडेंट्स को आई फ्लू : वायरस, बैक्टीरिया फंगस के संक्रमण से फैली बीमारी, स्वास्थ्य विभाग ने स्कूल में लगाया कैंप

बिलासपुर : बिलासपुर के जवाहर नवोदय विद्यालय में आई फ्लू का संक्रमण फैल गया है। जिससे करीब 100 स्टूडेंट इसके चपेट में आ गए हैं।

स्वास्थ्य विभाग स्कूल में कैंप लगाकर बच्चों का इलाज कर रहा है। वहीं, स्कूली बच्चों को इसके लिए अलर्ट भी जारी किया है। मस्तूरी के मल्हार स्थित नवोदय विद्यालय का पूरा मामला है।

बताया जा रहा है कि पिछले तीन-चार दिन से स्कूली बच्चों की आंखों में दर्द हो रहा था और लगातार पानी निकल रहा था। तीन दिन के भीतर एक-एक कर स्कूल के ज्यादातर बच्चों को इस तरह की शिकायतें होने लगी,

जिसकी जानकारी मस्तूरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों को दी गई। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि वायरस, बैक्टीरिया फंगस का संक्रमण बढ़ा है।जिसके लिए सावधानी की जरूरत है।

स्कूल में हेल्थ कैंप लगाकर बच्चों का किया गया इलाज। इसके साथ ही सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
स्कूल में हेल्थ कैंप लगाकर बच्चों का किया गया इलाज। इसके साथ ही सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

स्वास्थ्य विभाग ने लगाया कैंप

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जब स्कूली बच्चों के आंखों की जांच की, तब पता चला कि बैक्टीरिया,वायरस,फंगल की संपर्क में आने से संक्रमित हुए हैं। स्कूल के प्राचार्य से चर्चा करने के बाद पता चला कि बड़ी संख्या में बच्चों में संक्रमण फैल गया है। जिसके बाद से कैंप लगाकर बच्चों को दवाइयां दी जा रही है।

क्या है कंजंक्टिवाइटिस

कंजंक्टिवाइटिस में आंखों में जलन होती है। आमतौर पर यह एक एलर्जिक रिएक्शन की वजह से होता है। लेकिन कई मामलों में बैक्टीरिया का संक्रमण भी इसके लिए जिम्मेदार होता है।

श्वसन तंत्र या नाक-कान अथवा गले में किसी तरह के संक्रमण के कारण वायरल कंजंक्टिवाइटिस हो जाता है। इस संक्रमण की शुरुआत एक आंख से ही होती है, लेकिन जल्द ही दूसरी आंख भी इसकी चपेट में आ जाती है।

मस्तूरी क्षेत्र के मल्हार में है जवाहर नवोदय विद्यालय, जहां के बच्चों में संक्रमण फैला है।
मस्तूरी क्षेत्र के मल्हार में है जवाहर नवोदय विद्यालय, जहां के बच्चों में संक्रमण फैला है।

अब जानिए क्या है आई फ्लू…

आई फ्लू या पिंक आई के नाम से जानी जाने वाली यह बीमारी कंजंक्टिवाइटिस है। आई फ्लू वैसे तो ज्यादा खतरनाक बीमारी नहीं है। लेकिन आंखों में होने के कारण ये कष्टदायक होती है।

यह आम वायरल की तरह है। लेकिन यह बैक्टीरिया भी होता है। जब भी मौसम बदलता है, यह अपना असर दिखाता है। आशंका जताई जा रही है कि बारिश की वजह से बच्चों में यह संक्रमण फैला है।

क्या है इसके लक्षण

  • आई फ्लू में आंखें लाल हो जाती हैं।
  • आंखों से पानी आने लगता है।
  • तेज जलन होती है।
  • पलकों पर पीला और चिपचिपा तरल जमा होने लगता है।
  • आंखों में चुभन होती है और सूजन आ जाती है
  • आंखों में खुजली भी होती है।
  • इंफेक्शन अधिक बढ़ जाने पर आंखों में हेमरेज, किमोसिज हो जाता है पलकों में सूजन आ जाती है। स्कूल में एक-एक कर ज्यादातर बच्चों को हुई आंखों में परेशानी, तब लगाया गया हेल्थ कैंप।

बचाव एवं सावधानियां

  • बरसात के मौसम में अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन से साफ करते रहें।
  • आंखों की साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें। आंखों को ठंडे पानी से बार-बार धोएं।
  • किसी भी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें।
  • इस रोग के मरीज आंखों पर बार-बार हाथ न लगाएं। अगर संक्रमित आंख को छुएं, तो हाथ अच्छे से साफ करें।
  • गंदगी और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
  • संक्रमित व्यक्ति से हाथ न मिलाएं और उनकी चीजें चश्मा, तौलिया, तकिया आदि न छुएं।
  • अपना तौलिया, रुमाल चश्मा आदि किसी के साथ शेयर न करें।
  • इस सीजन में स्विमिंग करने से बचें।

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