MP के पुलिसवालों ने चुराए सोने के 240 ब्रिटिश सिक्के, जानें पूरा मामला
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले में पुलिसवालों ने एक आदिवासी परिवार के सोने के 240 ब्रिटिश सिक्के चुरा लिए। एक सिक्के की कीमत तीन से चार लाख रुपए बताई जा रही है। चार पुलिसकर्मियों ने उस परिवार की महिला के साथ पिटाई की और 240 सोने के सिक्के लेकर चले गए, जिसके खिलाफ आदिवासी परिवार ने एफआईआर दर्ज कराई है। परिवार को यह सिक्के एक घर की खुदाई के दौरान मिले थे।
पुलिसकर्मियों के खिलाफ चोरी का मामला दर्ज
पुलिस अधीक्षक हंसराज सिंह ने बताया कि सोंडवा थाने के प्रभारी और अन्य तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। सभी फरार है। उनकी तलाश की जा रही है। एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का भी गठन किया गया है। यह पूछे जाने पर कि आदिवासी परिवार को सोने के सिक्के कैसे मिले, एसपी ने कहा कि शिकायतकर्ता ने दावा किया कि उन्हें गुजरात में खुदाई के दौरान ये सिक्के मिले थे। उन्होंने बताया कि चारों पुलिसकर्मियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 379 के तहत चोरी का मामला दर्ज किया गया है।
अलीराजपुर जिले की रामकुबाई ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उन्हें और उनके परिवार को गुजरात के नवसारी जिले में एक पुराना घर तोड़ते समय सोने के सिक्के मिले थे। लंदन में रहने वाले घर के मालिक इम्तियाज बलिया ने पुराने घर को तोड़ने का काम एक ठेकेदार को दिया था, जिसने रामकुबाई और उसके परिवार के सदस्यों को इस काम पर लगाया था। रामकुबाई ने कहा कि वे 240 सोने के सिक्के अपने गांव बाजदा वापस ले आए और उन्हें अपने घर के अंदर दफना दिया। पुलिस कर्मियों को कहीं से इसकी भनक लग गई। 19 जुलाई की सुबह, सोंडवा पुलिस स्टेशन के प्रभारी विजय देवड़ा कांस्टेबल राकेश, वीरेंद्र और सुरेंद्र के साथ कथित तौर पर सादे कपड़ों में और एक निजी वाहन में पहुंचे, परिवार के साथ मारपीट की और सिक्के लेकर चले गए। रामकुबाई जब पुलिस स्टेशन शिकायत के लिए आई तो वह अपने साथ एक सिक्के को लेकर आई थी। इसके बाद 20 जुलाई को पुलिस ने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 379 के तहत चोरी की प्राथमिकी दर्ज की।
सिक्के में 90 प्रतिशत सोना
इसकी पहचान 1922 में ब्रिटिश टकसाल में ढाले गए एक सीमित संस्करण वाले सिक्के के रूप में की गई है। इसका वजन 7.08 ग्राम है और इस पर किंग जॉर्ज VI की तस्वीर है। सिक्के में 90 प्रतिशत सोना है। एसआईटी के सदस्यों का मानना है कि लॉट के सभी सिक्के एक ही श्रेणी के होने की संभावना है। मुद्राशास्त्रियों के हवाले से बताया जा रहा है कि ब्रिटिश काल के जिन सिक्कों पर ‘एक मोहर’ या ‘दो मोहर’ की मोहर लगी होती है, उनकी कीमत आमतौर पर 3-4 लाख रुपए के बीच होती है। जांच और हंगामे के बीच निलंबित थाना प्रभारी विजय देवड़ा और कांस्टेबल वीरेंद्र ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर आरोपों से इनकार किया है और जिले के बाहर के पुलिस अधिकारियों से जांच कराने की मांग की है।
अधीक्षक सिंह ने कहा कि सोने के सिक्कों के वजन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता एक सिक्का लाया था। उस सिक्के का वजन 7.98 ग्राम था। यह सोना 90 प्रतिशत शुद्ध था और 1922 के ब्रिटिश युग का प्राचीन सिक्का था।