छत्तीसगढ

रायपुर : स्थानीय वैद्यों की पहचान कर औषधीय जड़ी-बूटियों  को संरक्षित करने की दिशा में करें काम : डॉ नंद कुमार साय 

रायपुर : स्थानीय वैद्यों की पहचान कर औषधीय जड़ी-बूटियों  को संरक्षित करने की दिशा में करें काम : डॉ नंद कुमार साय 

रायपुर :- छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम (सीएसआईडीसी) के अध्यक्ष डॉ. नंद कुमार साय ने बुधवार को गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही कलेक्टोरेट सभाकक्ष में अधिकारियों की बैठक लेकर काम-काज की समीक्षा की।

बैठक में डॉ. साय ने कहा कि प्रदेश के स्थानीय वैद्यों की पहचान कर औषधीय जड़ी-बूटियों को संरक्षित करने के लिए कार्य योजना तैयार किया जाए। उन्होंने औद्योगिक विकास के तहत छत्तीसगढ़ औषधीय पादप बोर्ड से समन्वय कर वनौषधि पार्क बनाने पर भी जोर दिया।

बैठक में मरवाही विधायक डॉ. के.के. ध्रुव, राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग की सदस्य अर्चना पोर्ते, कलेक्टर प्रियंका ऋषि महोबिया, वन मंडलाधिकारी सत्यदेव शर्मा, एसडीएम पेंड्रारोड पुष्पेंद्र शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

सीएसआईडीसी के अध्यक्ष डॉ. साय ने कहा कि गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिला वन और आदिवासी बाहुल्य जिला है, यहां वनौषधि जड़ी-बूटियों की कमी नहीं है। उन्होने औद्योगिक विकास के तहत वनौषधि पार्क भी प्रस्तावित करने कहा। डॉ साय ने औषधीय जड़ी-बूटियों के गुणों के बारे में अपने स्वयं के अनुभव भी साझा किए।

उन्होने हड्डी जोड़, जहरीले सांप, बिच्छु का विष उतारने, पीलिया खत्म करने आदि के बारे में बताते हुए कहा कि जड़ी बूटियों के जानकार वैद्यों कि पहचान करें और वनौषधि पार्क बनाने में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि अश्वगंधा, गिलोय आदि वनौषधियों का प्रभाव काफी कारगर है। वनौषधियों के उपयोग से किसी तरह का दुष्प्रभाव भी नहीं होता है।

बैठक में कलेक्टर प्रियंका ऋषि महोबिया ने बताया कि जिले में लेमन ग्रास की खेती के साथ ही औषधीय पौधों के संरक्षण के लिए मरवाही विकासखंड के ग्राम पथर्रा, सेखवा एवं मड़ई के 10 महिला स्व सहायता समूहों को प्रशिक्षण दिया गया है। औषधीय पौधों की खेती के लिए केंवची क्षेत्र में भी कार्य योजना प्रस्तावित है।

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य गठन के पहले जिले में 31 अक्टूबर 2000 तक 749 सूक्ष्म, लघु उद्योग पंजीकृत थे, जिसमें 94.82 लाख का निवेश एवं 1508 व्यक्ति रोजगार में नियोजित थे। राज्य गठन 1 नंवबर 2000 से 31 मार्च 2020 तक 380 पंजीकृत सूक्ष्म, लघु उद्योग जिसमें निवेश राशि 36 करोड़ 66 लाख 69 हजार और 1833 लोग उद्योगों में नियोजित है।

1 अप्रैल 2020 से 28 अप्रैल 2023 तक 21 उद्योग उत्पादन प्रमाण पत्र प्राप्त हैं, जिसमें 18 करोड़ 39 लाख 20 हजार पूंजी निवेश एवं 196 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हुआ है। इन पंजीकृत उद्योगों में मुख्यतः हॉलर एण्ड फ्लोर मिल, राईस मिल, फेब्रीकेशन, ईंट निर्माण, बर्तन निर्माण, ऑयल एण्ड फ्लोर मिल, फ्लाई एश ब्रिक्स, एल्युमिनियम प्रोडक्ट, आरसीसी पोल, हर्बल प्रोडक्ट, फिनाईल आदि इकाईयां संचालित है।

इसके साथ ही नई औद्योगिक नीति 2019-2024 के तहत जिले में 301 प्रस्तावित नये इकाईयों ने उद्यम आकांक्षा प्राप्त किया है, जिसमें 85 करोड़ 94 लाख 62 हजार रूपए का पूंजी निवेश एवं 1234 लोगों के लिए रोजगार प्रस्तावित है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button