मध्यप्रदेश

पुलिस में 30 प्रतिशत महिलाओं की भर्ती अनिवार्य: मुख्यमंत्री

Bhopal: अब कॉलोनियों और मोहल्लों की तंग गलियों में महिला पुलिस आसानी से पहुंच सकेगी। महिला अपराधों की शिकायत करने पर संबंधित आरोपी को पकडऩे के लिए अब ऊर्जा डेस्क की टीम को थाना पुलिस के वाहन या डायल-100 के वाहन का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार सुबह लाल परेड मैदान स्थित मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित समारोह में ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 250 दो पहिया स्कूटर सौंपे हैं।

महिला पुलिसकर्मी स्कूटी लेकर निकलेंगी

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर महिला पुलिसकर्मियों द्वारा निकाली गई वाहर रैली को भी झंडी दिखाकर रवाना किया है। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि महिला सशक्तिकरण हमारा मिशन है। जब तक मां, बहन, बेटी को बराबरी पर लाकर खड़ा नहीं कर देते, तब तक चैन की सांस नहीं लेंगे। महिलाओं की सुरक्षा सबसे अहम है। महिला पुलिसकर्मी स्कूटी लेकर निकलेंगी, तो सुरक्षा का संदेश देंगी। इससे अपराधियों में भय पैदा होगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस में रिक्त पदों पर 30 प्रतिशत पद बेटियों से अनिवार्य रूप से भर्ती की जाएगी। मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित समारोह में प्रदेश के विभिन्न महिला थानों में कार्य कर रही ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क को 250 वाहन मिलने से महिला पीडि़ताओं की सूचना पर पुलिस मौके पर आसानी से और वहां भी पहुंच सकेंगी।

बेटा-बेटी में समानता के लिए अभी और कार्य की जरूरत

महिलाओं-बेटियों पर होने वाले अपराधों को हम पूरी तरह से नियंत्रित करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने बेटियों और महिलाओं के लिए लागू की योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि कुछ लोग खर्च होने वाले पैसे को लेकर सवालउठाते हैं। लेकिन हमारी योजनाएं महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। हमें महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध रोकने हैं। ऐसी प्रवृत्ति के लोग बगैर कड़ी कार्रवाई के नहीं मानते। कार्यक्रम के आरंभ में पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना ने निर्भया फंड के माध्यम से महिला थानों में स्थापित हेल्प डेस्क की गतिविधियों की जानकारी दी।

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