मुख्यमंत्री साय स्वयं शिक्षा मंत्री फिर भी आश्रम छात्रावासों के आदिवासी छात्रों की मौत क्यों – विक्रम मंडावी
कांग्रेस ने आदिवासी आश्रम छात्रावास की अव्यवस्था को लेकर लगाया आरोप
मुख्यमंत्री साय स्वयं शिक्षा मंत्री फिर भी आश्रम छात्रावासों के आदिवासी छात्रों की मौत क्यों – विक्रम मंडावी
बीजापुर । दुगईगुड़ा आवासीय विद्यालय में कक्षा पहली के छात्र की मौत पर सियासत तेज होती जा रही है। क्षेत्रीय विधायक विक्रम मंडावी ने प्रदेश की विष्णुदेव साय सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए आदिवासी छात्र को मौत के लिए जिम्मेदार बताया है।
कांग्रेस भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में विधायक विक्रम मंडावी ने पोटा केबिन दुगईगुडा के छात्र की असमय हुए मौत पर दुःख प्रकट करते हुए कहा कि छात्र की मौत को लेकर जांच दल ने रिपोर्ट सौंपी है।जांच में कई सवाल सामने आ रहे हैं जैसे बीमारी के दौरान परिजनों को सूचना क्यों नहीं दी गई। अधीक्षक ने कहा की छात्र को कोई बीमारी नहीं थी। अस्पताल प्रबंधन/बीएमओ कह रहे हैं कि छात्र से सिकलिन से पीड़ित था। बीआरसी ने कहा की अधीक्षक ने 27 सितंबर को छात्र के बीमार होने के संबंध में बताया। तो फिर इलाज में लापारवाही क्यो हुई? इलाज के दौरान छात्र को अस्पताल से वापस क्यो भेजा गया ? ये ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब भाजपा सरकार को देना चाहिए।
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए विधायक विक्रम मंडावी ने कहा कि प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार बनी है तब से प्रदेश में लगातार आदिवासी छात्र किसी न किसी घटना का शिकार हो रहे हैं। बीजापुर जिले में पिछले दिनों हुए घटनाओं का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि फरवरी में चेरामंगी छात्रावास मे सातवीं कक्षा में पढ़ने वाले एक छात्र ने फांसी लगाई, मार्च में आवासीय कन्या पोटा केबिन स्कूल चिंताकोंटा में आग लगने से एक 4 वर्षीय मासूम बच्ची की मौत हो गई। मार्च माह में गंगालूर बालिका आवासीय पोटा केबिन विद्यालय में कक्षा बारहवीं की छात्रा गर्भवती होती है, जुलाई में तारलागुडा पोटा केबिन मे एक बच्चे की मलेरिया से मौत हो जाती है और संगमपल्ली पोटाकेबिन में बच्चे की मलेरिया से मौत हो जाती है अब पोटा केबिन दुगईगुड़ा में पढ़ाई कर रहे छात्र की इलाज के अभाव में मौत हो गई है।
इस तरह आश्रम और छात्रावासों में पढ़ाई करने वाले बच्चों की लगातार एक के बाद एक की मौत होना चिंता का विषय है।
भाजपा सरकार में शासन और प्रशासन छात्रों के भविष्य को लेकर लापरवाह नजर आ रहा है और छात्रों को उनके हाल पर छोड़ दिया है, कोई इनकी सुध लेने वाला नहीं है।
विधायक विक्रम मंडावी ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार में प्रदेश के मुख्यमंत्री के पास ही शिक्षा विभाग है, और प्रदेश में इस तरह की घटनाएं हो रही है इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है।
भाजपा सरकार के पास शिक्षा को लेकर कोई भी योजना नहीं है और न ही शिक्षा व्यवस्था पर सरकार ध्यान दे रही है इसलिए बीजापुर जिले में आए दिन आश्रम छात्रावास में पढ़ाई कर रहे बच्चों की मौत हो रही है। इतने घटनाओं के बावजूद भी आज तक किसी पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई यह भी सोचने वाली बात है। वहीं दूसरी ओर भाजपा सरकार पोटा केबिन में अधीक्षक बनाने रकम की वसूली कर रहे है ऐसे अनेक ऑडियो क्लिप सोशल मिडिया में सामने आए हैं। इससे पता चलता है कि सरकार और शासन प्रशासन सिर्फ भ्रष्टाचार में लिप्त है उन्हें छात्रों के भविष्य से कोई मतलब नहीं है। विधायक विक्रम मंडावी ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि छात्रावासों में अब तक हुए सभी घटनाओं की निष्पक्ष जांच किया जाय और जो भी दोषी पाया जाए उस पर कार्रवाई हो।
प्रेस वार्ता के दौरान जिला कांग्रेस अध्यक्ष लालू राठौर, जिला पंचायत सदस्य बसन्त ताटी, सरिता चापा, जनपद अध्यक्ष बोधि ताती, पार्षद जितेंद्र हेमला, पुरुषोत्तम खत्री, मोहित चौहान, संतोष गुप्ता, के जी सत्यम सहित अन्य कांग्रेसी कार्यकर्ता मौजूद थे।
जांच दल ने प्रदेश कांग्रेस को भेजी रिपोर्ट
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पोटा केबिन स्कूल दुगईगुड़ा में अध्ययन करने वाले छात्र की मौत को गंभीरता से लेते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष शंकर कुडियम के नेतृत्व में सात सदस्यीय जांच दल गठित किया था। दल में शंकर कुडियम के अलावा जिला पंचायत उपाध्यक्ष कमलेश कारम, मनोज अवलम, जनपद अध्यक्ष अनीता तेलम, जनपद उपाध्यक्ष श्रीनिवास बीराबोईना, पूर्व जिला पंचायत सदस्य रत्ना सोड़ी और पूर्व जनपद उपाध्यक्ष रेंगा नागेश शामिल थे। काग्रेस का जांच दल 30 सितंबर को घटना स्थल पोटा केबीन दुगईगुडा पहुंच कर सभी तथ्यों का संकलन किया और प्रदेश कांग्रेस कमेटी को संकलित रिपोर्ट सौंपी है।