नियमित नहीं होता है मानदेय भुगतान, 4 से 8 माह हो गए नहीं मिला मानदेय, अनुदेशक परेशान
सुकमा। तीन सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश अनुदेशक, भृत्य कल्याण संघ बस्तर संभाग के बैनर तले आज सुकमा कलेक्टर को लेकर ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान बड़ी संख्या में जिले भर के अनुदेशक मौजूद थे।
अनुदेशक संघ के जिला अध्यक्ष मडकाम भीमा ने बताया कि बस्तर संभाग में राजीव गांधी शिक्षा मिशन के द्वारा समग्र शिक्षा अभियान के तहत वर्ष 2009-10 से आवासीय विद्यालय पोटाकेबिन संचालित है जिससे लगभग 40 हजार छात्र-छात्राओं को शिक्षा के मुख्य धाराओं से जोड कर अध्यापन का कार्य अनुदेशक शिक्षक के द्वारा कराया जाता है, जिसमें प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक कक्षाएं संचालित होते है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में इन संस्थाओं का शैक्षणिक परिणाम संतोषप्रद होने पर छग शासन ने पोटाकेबिनों को हाई स्कूलों में उन्नयन किया गया है एवं अनुदेशक शिक्षक द्वारा शैक्षणिक कार्य के साथ साथ प्रतियोगिता परीक्षा, नवोदय, कोचिंग कक्षाएं, कम्प्यूटर शिक्षा, स्वास्थ्य देख-रेख एवं समय- समय पर शासन द्वारा जारी दिशा निर्देशो का पालन, एवं 24 घंटे संस्था में निवास करते हुए पूर्ण कालिन सेवा दी जाती है। ग्रीष्मकालीन अवकाश में भी नव प्रवेशी शाला त्यागी एवं अप्रवेशी शिक्षा से वंचित बच्चो का अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में जाकर सर्वे कर संस्था में उक्त बच्चो का शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ते हुए संस्था में दाखिला कराया जाता है। अनुदेशकों द्वारा संस्था में 24 घंटे रहते हुए बच्चों को अध्यापन कराया जाता है जिसके समतुल्य 10 हजार रूपये मासिक मानदेय दिया जाता है आज के वर्तमान समय में बढ़ती महंगाई इतने कम मानदेय में हमारी आवश्यक आवश्यकताओं की पूर्ति भी नहीं हो पाती है।
अनुदेशक शक्ति तिवारी ने बताया कि पोटा केबिनों में 14 वर्षों से सेवा देते आ रहे हैं, हमारी तीन सूत्रीय मांग है जिसको लेकर शासन प्रशासन को कई बार अवगत करा चुके हैं। उन्होंने बताया कि हमारी प्रमुख मांग है कि वर्तमान में जिला बीजापुर में डी.एम.एफ. मद से पोटाकेबिनों में कार्यरत अनुदेशकों को राशि भुगतान किया गया है। सुकमा भी अतरिक्त 2500 रूपये मानदेय दिया जाए। अनुदेशक शिक्षको के द्वारा विगत 14 वर्षों से पोटाकिबिनो संस्थाओं में 24 घंटे का कार्य लिया जाता है। कार्य के आधार पर मानेदय बिल्कुल कम है, कार्य के आधार पर उसके समतुल्य सम्मान जनक मानदेय 2400 ग्रेड पे दिया जाए। शिक्षा सत्र 2009-10 से आज पर्यन्त तक हम निरंतर शैक्षणिक कार्य कर रहे है, कार्य अनुभव एवं डीएलएड प्रशिक्षण के आधार पर प्राथमिकता देते हुए सहायक शिक्षक में मर्ज करते हुऐ तृतीय श्रेणी में रखा जाए।
अनुदेशक ज्योति तिवारी ने बताया कि बीजापुर जिले में डी.एम.एफ मद से 2500 रूपये अतिरिक्त मानदेय दिया जाता है। इस प्रकार से सुकमा जिले में भी डी.एम.एफ मद से अतिरिक्त दिया जाए। वर्तमान में 10 हजार रूपये मानदेय ,राशि दी जाती है, जो बहुत ही काम है, जिससे परिवार का पालन पोषण करना भी मुश्किल होता है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा शिक्षकों की कमी के चलते कई वर्षों से स्कूल कक्षा दसवीं तक के क्लास लेने के लिए निर्देशित किया जाता है।