छत्तीसगढ

बेहतर पढ़ाई के लिए शिक्षकों को दें टास्क, मंत्री मोहन मरकाम ने अफसरों को दिए निर्देश…..

बेहतर पढ़ाई के लिए शिक्षकों को दें टास्क, मंत्री मोहन मरकाम ने अफसरों को दिए निर्देश

जगदलपुर :- छत्तीसगढ़ में आदिम जाति कल्याण विकास विभाग के मंत्री मोहन मरकाम बस्तर दौरे पर हैं। मंत्री बनने के बाद उन्होंने पहली बार जगदलपुर में अधिकारियों की बैठक ली।

इस दौरान उन्होंने अफसरों को निर्देश देते हुए कहा कि आदिवासी इलाके के बच्चों को जेईई और नीट एग्जाम के लिए पूरी तरह से तैयार करें। इसके लिए शिक्षकों को टास्क दें। बच्चों की पढ़ाई पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने देवगुड़ी के कायाकल्प कर आदिवासियों की संस्कृति और परंपरा को सहेजने की बात कही।

दरअसल, मोहन मरकाम ने जगदलपुर के कलेक्ट्रेट कार्यालय में विभागीय कामकाज की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान उन्होंने अफसरों से कहा कि, छत्तीसगढ़ में 85 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जाति,

अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की है। राज्य शासन इन वर्गों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रही हैं। इन योजनाओं-कार्यक्रमों से समाज के अंतिम व्यक्ति को लाभांवित कर उनके आर्थिक-सामाजिक बेहतरी के लिए सक्रिय भूमिका निभाएं।

बैठक में मौजूद अफसर।

बैठक में मौजूद अफसर।

निर्माण काम में लाएं तेजी

मंत्री मरकाम ने कहा कि, जिले में जो भी निर्माण काम हो रहे हैं उन्हें तेजी के साथ पूरा किया जाए। सभी कामों को निर्धारित समय में पूरा करें। वहीं बस्तर में ग्रामीणों की आस्था का केंद्र देवगुड़ी और मातागुड़ी का जीर्णोद्धार किया जाए। समाज के लोगों की सहमति से कायाकल्प का काम करें। आदिवासियों की कला एवं संस्कृति को सहेजने कदम उठाए जाएं।

मोहन मरकाम ने बस्तर अंचल में वनाधिकार अधिनियम 2006 का पूरी संवेदनशीलता के साथ क्रियान्वयन करने कहा। व्यक्तिगत वनाधिकार पट्टे, सामुदायिक वनाधिकार मान्यता पत्र एवं सामुदायिक वन संसाधन पत्र प्रदान किए जाने के निर्देश दिए हैं। वहीं व्यक्तिगत वनाधिकार पट्टेधारकों को मनरेगा के तहत हितग्राहीमूलक कार्यों से लाभांवित कर उनके आर्थिक विकास के क्षेत्र मे पहल किए जाने को कहा है।

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