छत्तीसगढ

अविश्वास प्रस्ताव से मुंह चुरा रहे प्रधानमंत्री……

अविश्वास प्रस्ताव से मुंह चुरा रहे प्रधानमंत्री

सदन का सामना करने से घबरा रहे…..मणिपुर जाने से घबरा रहे भाजपा नेता…..

जगदलपुर :- केंद्र की भाजपा सरकार व इसके मुखिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस के द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव से मुंह चुरा रहे हैं। हालत यह है कि भाजपा नेता मणिपुर जाने से घबरा रहे हैं।

देश के पूर्वोत्तर सीमा पर स्थित मणिपुर राज्य पिछले लगभग तीन माह से जल रहा है। भाजपा और संघ उस राज्य में चार दशक से जो विष बेल लगा रहे थे

उसकी परिणिती अब नजर आ रही है। कुकी – नागा आदिवासियों और मैतेई के बीच जो जातीय संघर्ष हो रहा है, वह भाजपा तथा प्रधानमंत्री की पूर्वोत्तर नीति की विफलता का परिणाम है।

मातृशक्तियों के साथ दुष्कर्म की जो खबरें व वीडियो सोशल मीडिया में जारी हुए हैं, उससे देश का सिर शर्म से झुक गया है। इस हालात के लिए प्रधानमंत्री जिम्मेदार हैं। उनके पास विदेश यात्राओं के लिए व फिल्मकारों के लिए समय है लेकिन मणिपुर जाकर वहां के लोगों के जख्म पर मरहम लगाने का वक्त नहीं है।

केंद्र सरकार को तत्काल मणिपुर की कथित डबल इंजन सरकार को बर्खास्त करने का साहस दिखाना चाहिए। मणिपुर के ताजा हालात पर प्रधानमंत्री को सदन का सामना कर जनता का सम्मान करना चाहिए और कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना चाहिए। किसी भी समस्या का हल मुंह छुपाने से नहीं होता है, जैसा कि अभी प्रधानमंत्री कर रहे हैं।

भारत जोड़ो यात्रा ने नींद उड़ाई

जैन ने मीडिया को जारी बयान में कहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नींद उड़ा दी है। प्रधानमंत्री मोदी सदन की कारवाई से भाग कर जनमत का अपमान कर रहे हैं। सत्र चलने के दौरान सदन के मुखिया का गायब रहना न केवल संसद अपितु देश की डेढ़ अरब जनता का भी अपमान है।

उन्हें स्वयं सदन की कारवाई में हिस्सा लेना चाहिए। सत्ता के मद व अहंकार में चूर भाजपा सरकार के मंत्रियों के बोल बता रहे हैं कि वे कितने अभिमानी हो गए हैं। प्रधानमंत्री को मालूम है कि यदि वे सदन में आते हैं तो उन्हें मंहगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार समेत उन तमाम विषयों पर अपना मुंह खोलना होगा,

जिन विषयों से जनता त्रस्त है। अबकी बार जनता कांग्रेस और इसके नेता मल्लिकार्जुन खडगे, राहुल गांधी व प्रियंका गांधी के साथ है इस बात से भयभीत प्रधानमंत्री मोदी अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने से घबरा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी की कथनी- करनी का भेद जनता समझ चुकी है।

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