बस्तरिया राज मोर्चा ने ग्यारह सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
सैकड़ों की संख्या में जुटे ग्रामीण, रैली निकाल मूलभूत सुविधाओं की मांग
सैकड़ों की संख्या में जुटे ग्रामीण, रैली निकाल मूलभूत सुविधाओं की मांग
बीजापुर। बस्तरिया राज मोर्चा ने सोमवार को स्थानीय मिनी स्टेडियम में सभा कर ग्यारह सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है।
बस्तरिया राज मोर्चा के संभागीय संयोजक मनीष कुंजाम ने बताया कि बीजापुर जिले में सभी आदिवासियों के जीवन शैली में सलवा जुडूम के बाद से अंधेरा छा गया है। माओवादी पुलिस की लड़ाई में दुरांचल जंगल के गांवों में निवासरत आदिवासी छुप छुप कर जीवन यापन कर रहे हैं। इन ग्रामीणों के पास देश और जिले के नागरिकता का कोई प्रमाण नहीं है। क्योंकि सलवा जुड़ूम लड़ाई में घरों को आग लगा कर जलाया गया है। पिछले कुछ वर्षों से मारकाट और दहशत से राहत मिलने से ग्रामीण आदिवासी मानवीय आवश्यकताओं का आकलन कर विकास का दरवाजा खटखटा रहे हैं।
बस्तरिया राज मोर्चा द्वारा सौंपे ज्ञापन में जिले के सभी गांवो में स्कूल आंगनबाड़ी, बालबाड़ी केन्द्र भवन निर्माण कर शिक्षा को गुणवत्ता के साथ संचालित किए जाएं, दूर अंचल जंगल के गांवों में 10 गांव के बीच हिरोली गांव में कम से कम 30 बिस्तर अस्पताल निर्माण कर संचालन किया जाए, शिक्षा चिकित्सा का संचालन के लिए अधिकारी व कर्मचारियों को रहने के लिए आवास निर्माण गांवों में किया जाए, जिले के सम्पूर्ण ग्रामीण आदिवासियों को आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, बैंक खाता और जमीन की ऋण पुस्तिका गांव के बीच शिविर लगाते हुए बनवाकर दिया जाए, गांवों के वृध्दाओं को वृध्दा पेंशन, विधवा पेंशन, विकलांग पेंशन, परित्यकता सहायता राशि दिया जाए, जिले के सभी गांवों में सड़क, बिजली, पानी की सुविधा दिया जाए, जिले के विकास कार्य के दौरान क्षेत्र में किसी भी परिवार का खेती, जमीन, सल्फी पेड़, इमली पेड़, आम पेड़, महुआ पेड़ जैसे जीवन दायिनी सम्पत्ति नुकसान होने पर मुआवजा दिया जाए, आदिवासी पारंपरिक आराध्य देवी-देवताओं की स्थानों को सुरक्षित भी किया जाए, आदिवासी विकास विरोधी नहीं है। विनाश का विरोध करते हैं। जो कि इस बिन्दु में उल्लेखित है।
जिले में आदिवासीयों के साथ पुलिस जवानों द्वारा सचिंग गस्त के दौरान पीड़िया, हितावर व अन्य जगहों में गोली चलाकर निर्दोष निहत्थे आदिवासीयों का हत्याए, बलात्कार जैसे कृत्य किए। उन पुलिस जवानों को जांच कर दोषी सिध्द होने पर दण्डात्मक कार्यवाही किया जाए और आगे से कोई भी पुरुष हो या महिला संदेह के दायरे में आता है तो उसे पुलिस जवानों द्वारा मार-काट न करते हुए। पकड़कर गांव में जनता के समक्ष पेश किया जाए। ताकि सही गलत का पहचान हो सके। तत्पश्चात कार्यवाही किया जाए, जिले के गंगालूर गांव में पुनेम डोण्डा पेददा के नाम से भव्य रूप में कॉलेज भवन निर्माण कर संचालन किया जाए। बीजापुर जिले में एन.एम.डी.सी. बचेली कॉम्पलेक्स द्वारा लोह उत्खनन से जिन जिन गांवों के किसानों का खेती जमीन, लाल पानी से प्रभावित हुआ है। उन्हें मुआवजा सहायता राशि एन.एम.डी.सी. से प्राप्त करने के लिए आधार कार्ड, बैंक खाता तत्काल 7 दिवस के भीतर बनाकर दिया जाए और जिले में तेंदुपत्ता संग्राहकों द्वारा जब से विक्रय किया जा रहा है। तभी से अब तक का तेंदुपत्ता संग्राहकों को बकाया बोनस राशि कई संग्राहकों को नहीं दिया गया है। उन्हे तत्काल बोनस राशि का भुगतान दिए जाने की मांग की है।