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विष्णुदेव साय की सरकार बेपटरी हो चुकी है, मुख्यमंत्री का नियंत्रण सरकार पर नहीं है- विक्रम मंडावी 

कांग्रेस ने कहा : बलरामपुर घटना की जांच उच्च न्यायालय के जज की निगरानी में हो

विष्णुदेव साय की सरकार बेपटरी हो चुकी है, मुख्यमंत्री का नियंत्रण सरकार पर नहीं है- विक्रम मंडावी

बीजापुर । जब से भाजपा की सरकार बनी है तब से छत्तीसगढ़ जैसे शांत प्रदेश अपराध का गढ़ बनता जा रहा है।सोमवार को जिला मुख्यालय बीजापुर में कांग्रेस नेताओं ने प्रेस वार्ता कर कहा।

प्रेस वार्ता में प्रदेश के बलरामपुर की घटना को लेकर बीजापुर के विधायक विक्रम मंडावी ने कहा कि बलरामपुर में पुलिस की कस्टडी में एक युवक गुरूचरण मंडल की मौत हो गयी। पुलिस का दावा है कि मृतक गुरूचरण की मौत बाथरूम में फांसी लगाने से हुई है।

सारे तथ्य बताते है बलरामपुर में युवक गुरूचरण मंडल की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है। मृतक जिसकी पत्नी 29 सितंबर को लापता हो गई थी। गुरूचरण मंडल को उसके पिता के साथ उसकी पत्नी के लापता होने के संबंध में पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन बुलाया गया था। मृतक के परिजनों का कहना है कि “पुलिस ने 4 दिनों से उसे तथा उसके पिता को थाने बुलाया था तथा 4 दिनों से उसे थाने में हिरासत में रखा था।

पिछले 20 दिनों से मेरी बहू लापता है और मैं अपने बेटे के साथ तीन दिनों से हिरासत में हूं। पुलिस ने हमें बेरहमी से पीटा। बलरामपुर पुलिस की वजह से मैंने अपने बेटे को खो दिया।”

प्रेस वार्ता में विधायक विक्रम मंडावी ने भाजपा की विष्णुदेव साय सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति को पुलिस 24 घंटे से अधिक समय तक हिरासत में नहीं रख सकती। गुरूचरण मंडल, उनके पिता तथा एक अन्य को चार दिनों तक थाने में हिरासत में क्यों रखा गया ? 24 घंटे के भीतर कोर्ट में क्यों प्रस्तुत नहीं किया गया ? मृतक के पास टॉवेल (तौलिया) कहां से आया जबकि उसके पिता का कहना है उसके पास कोई टॉवेल नहीं थी ? मृतक के शरीर का पंचनामा परिजनों व परिचितों के सामने क्यों नहीं किया गया ?

मृतक के परिजन शव को दफनाने की मांग कर रहे थे, पुलिस जलाना क्यों चाहती थी ? हालांकि बाद में दबाव के कारण दफनाया गया। मृतक के शव को थाने से अस्पताल ले जाते उसके पिता ने देखा लेकिन उसके मौत की जानकारी थाने में उनको क्यों नहीं दिया गया।

 

प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए विधायक विक्रम मंडावी ने प्रदेश की विष्णुदेव साय सरकार से मांग करते हुए कहा कि इस मामले की उच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच कराया जाये। इस पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक, एसडीओपी तथा टीआई की भूमिका संदिग्ध है, उन सबके खिलाफ तत्काल कार्यवाही की जाये। मृतक के शरीर का डॉक्टरों का दल बना कर फिर से पोस्टमार्टम कराया जाये। मृतक के परिवार को 1 करोड़ मुआवजा दिया जाये। प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था की नैतिक जिम्मेदारी लेकर मुख्यमंत्री इस्तीफा दे, गृह मंत्री को बर्खास्त किया जाये।

प्रेस वार्ता में प्रदेश की बिगड़ती क़ानून व्यवस्था को लेकर विधायक विक्रम मंडावी ने कहा कि राज्य में रोज-रोज घट रही घटनायें यह साबित करने के लिये पर्याप्त है कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ चुकी है तथा आपराधिक घटनायें रोक पाना सरकार के बस की बात नहीं है। ऐसी नकारी और निक्कमी सरकार को तत्काल बर्खास्त कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाना चाहिये। जब जनता अपने जान-माल की सुरक्षा तथा अपराधियों और आपराधिक घटनाओं के विरोध में खुद सड़कों पर उतर जाये तथा राज्य के हालात अराजक हो जाये तब ऐसी सरकार को बर्खास्त कर दिया जाना चाहिये। बलरामपुर में महिलाओं ने पुलिस पर हमला कर दिया। सरकार की अर्कमण्यता का नतीजा है जनता को अब पुलिस और सरकार पर भरोसा नहीं रह गया है। जनता सरकार की क्षमता और पुलिस की दुर्भावनापूर्वक कार्यवाहियों के खिलाफ विद्रोह पर उतर आई है। पुलिस की अक्षमता और सरकार के अनिर्णय के कारण बलौदाबाजार में एसपी, कलेक्टर कार्यालय जला दिया गया, सूरजपुर में अपराधी के घर पर हमला करने गयी भीड़ ने एसडीएम को पीटने के लिये दौड़ा दिया, उनको भागकर जान बचानी पड़ी। कवर्धा में पुलिस से न्याय की उम्मीद छोड़ चुकी जनता ने एक व्यक्ति को उसके घर में जिंदा जला दिया। जिला मुख्यालय बीजापुर में भी मार्केट एरिया न्यू बस स्टैण्ड के पास बदमाश बेख़ौफ़ होकर एक ग्रामीण मजदूर की डंडों से पीट पीटकर हत्या कर देतें हैं। सीतापुर में पुलिस की लापरवाही के खिलाफ अपराधी पर कार्यवाही की मांग को लेकर जनता ने 24 घंटे चक्का जाम कर दिया था तब जाकर पुलिस ने कार्यवाही किया। यह सारी घटनायें बताती है कि भाजपा के राज में अराजकता फैली हुई है। सरकार चलाने वाले कानून व्यवस्था को नहीं संभाल पा रहे है। प्रेस वार्ता में विधायक विक्रम मंडावी ने आगे कहा कि सरकार की विफलता की जवाबदेही मुख्यमंत्री की है। मुख्यमंत्री का नियंत्रण सरकार पर नहीं है। सरकार बेपटरी हो चुकी है। 4 एसपी और कलेक्टर, दर्जनों वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को हटाने के बाद भी सरकार कानून व्यवस्था नहीं संभाल पा रही तब मुख्यमंत्री, गृह मंत्री को हटाने में क्यों हिचकिचा रहे है? मुख्यमंत्री को ऐसा लगता है कि उनके गृह मंत्री की गलती नहीं है तो सरकार की नाकामी की जिम्मेदारी खुद लेकर तत्काल इस्तीफा दें।

प्रेस वार्ता के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष शंकर कुडियम, जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष लालू राठौर, जिला पंचायत सदस्य नीना रावतिया उद्दे समेत बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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