बीजापुर में हो रही वन-रक्षक भर्ती परीक्षा में पारदर्शिता नहीं, सरकार आदिवासी युवाओं के भविष्य के साथ कर रही है खिलवाड़- विक्रम मंडावी
कांग्रेस नेता ने कहा रात के अंधेरे में कराये गए शारीरिक दक्षता परीक्षा की जांच हो
कांग्रेस नेता ने कहा रात के अंधेरे में कराये गए शारीरिक दक्षता परीक्षा की जांच हो
बीजापुर। वन विभाग में इन दिनों हो रहे वन-आरक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर बीजापुर के विधायक विक्रम मंडावी ने वन विभाग और सरकार पर आरोप लगाया है।
वन विभाग और सरकार पर आरोप लगाते हुए विधायक विक्रम मंडावी ने कहा कि वन आरक्षक की शारीरिक दक्षता परीक्षा में पारदर्शिता नहीं बरती जा रही है पत्रकारों को भर्ती परीक्षा की कवरेज करने से रोका जा रहा है, इससे यह स्पष्ट है कि सरकार जान बूझकर इस भर्ती प्रक्रिया को गुप चुप तरीके से करवा रही है। इसका ख़ामियाज़ा प्रदेश के आदिवासी युवाओं को उठाना पड़ रहा है।
उन्होंने अपने प्रेस विज्ञप्ति में आगे कहा कि जब प्रदेश सरकार ने भर्ती प्रक्रिया के संबंध में पूरे नियम और शर्तें तय कर रखी हैं तो फिर सरकार के नियमों और शर्तों के विरुद्ध जाकर अधिकारी रात्रि में शारीरिक दक्षता परीक्षा कैसे ले सकते हैं क्या भर्ती से संबंधित कोई सरकारी आदेश अधिकारियों के पास विधिवत रूप से था या अधिकारी जानबूझकर भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं दिखाना चाहते हैं इस पूरी भर्ती प्रक्रिया की सूक्ष्म जांच की जाए ताकि यह पता चल सके की ऐसी कौन सी जरूरत आई थी कि देर रात तक भूखे प्यासे बैठे युवाओं की शारीरिक दक्षता परीक्षा लेनी पड़ी।
विधायक विक्रम मंडावी ने अपने प्रेस विज्ञप्ति में यह भी कहा कि भाजपा ने चुनावों के दौरान स्थानीय युवाओं को नौकरी देने का वादा किया था लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है और स्थानीय युवा भाजपा के वादे को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। विक्रम मंडावी ने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में युवाओं के साथ मिलकर भर्ती प्रक्रिया को लेकर उग्र आंदोलन किया जाएगा।