नागपंचमी पर बाबा महाकाल ने धारण किया शेषनाग, आज फिर करेंगे नगर भ्रमण
सावन महीने का सातवां सोमवार है। नागपंचमी और सोमवार का संयोग बना है। विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण मास के सातवें सोमवार पर लाखों आस्था वानों की भारी भीड़ उमड़ी। जिन्होंने बाबा महाकाल के निराकार से साकार स्वरूप में होने वाली भस्मआरती के दर्शन किए। भस्मारती के दर्शन के लिए देर रात से ही मंदिर में श्रद्धालुओं की कतार लगना शुरू हो गई थी। जिसके बाद रात 2:30 बजे मंदिर के पट खुलते ही पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया। सोमवार को छोड़कर मंदिर में प्रतिदिन बाबा महाकाल के पट सुबह 3 बजे खुलते हैं, लेकिन सावन सोमवार पर बाबा महाकाल भक्तों को दर्शन देने के लिए आधे घंटे पहले जागे।
महाकाल मंदिर में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
श्रावण मास में बाबा महाकाल के दरबार में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। इस मास में अधिक से अधिक श्रद्धालुओं को बाबा महाकाल की सुबह होने वाली भस्म आरती के दर्शनों का लाभ मिल सके इसलिए मंदिर में इन दिनों भस्मआरती के चलायमान दर्शन की व्यवस्था की गई है। जिसका लाभ प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं को मिल रहा है आज श्रावण मास के सातवें सोमवार पर उज्जैन ही नहीं बल्कि देश विदेश से आए श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल की भस्म आरती का दर्शन लाभ लिया। रात 2:30 बजे से शुरू हुआ बाबा महाकाल के दर्शनों का क्रम अनवरत जारी है। श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं।
बता दें आज श्रावण शुक्ल पक्ष की पंचमी है, इसीलिए लाखों श्रद्धालु बाबा महाकाल की भस्म आरती, भगवान श्री नागचंद्रेश्वर के दिव्य दर्शनों का लाभ लेने के साथ ही बाबा महाकाल की शाम चार बजे निकलने वाली सवारी देखने आए हैं। नागपंचमी के पर्व पर महाकालेश्वर भगवान को शेषनाग धारण करवाया गया।