आधार आईडी का काम सौंपने पर तहसीलदार उत्तरे विरोध में पीएस को लिखी चिट्ठी
भोपाल: विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के आधार आईडी तैयार करने को लेकर राजस्व विभाग की भूमिका तय करने के मामले मेंनया पेंच आया है। पूर्व में यह काम राजस्व अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) को सौंपा गया लेकिन अब तहसीलदारों के हवाले का काम किया जा रहा है। इसके बाद आधार आईडी को लेकर सौंपी गई जिम्मेदारी तहसीलदार को सौंपने के राज्य शासन के फैसले का विरोध राजस्व अफसरों ने किया है।
कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने इसको लेकर राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि पहले से संसाधन विहीन और काम के बोझ से तहसीलदार परेशान हैं। ऐसे में आधार कार्ड संबंधी प्रक्रिया के लिए एसडीएम के बजाय तहसीलदार को यूजर बनाए जाने से तहसीलदारों के मूल काम प्रभावित होंगे। इससे आने वाले समय में चुनाव संबंधी कामों में सबसे अधिक असर पड़ेगा। इसका विरोध करते हुए मध्य प्रदेश राजस्व अधिकारी (कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा) संघ ने कहा है कि यह गैर राजस्व कार्य है। पहले से ही संसाधन, स्टाफ और ऑपरेटर की कमी से जूझ रहे तहसीलदारों को गैर राजस्व कार्य करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के आधार नामांकन आवेदन के सत्यापन के लिए बनाए गए राज्य स्तरीय पोर्टल में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा जिलों में पदस्थ राजस्व अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) को उपयोगकर्ता (यूजर) बनाया गया है। सत्यापन संबंधी इस कार्यवाही के लिए 265 एसडीएम उप जिला स्तर पर चिन्हित किए गए थे लेकिन बाद में शासन ने आधार कार्ड के सत्यापन संबंधी व्यवस्था तहसीलदारों के हवाले कर दी है।
मन:स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव
तहसीलदारों ने संघ के माध्यम से कहा है कि काम का बोझ उनके मन: स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। आधार आईडी से संबंधित काम तहसीलदारों से कराए जाने पर कानूनी अड़चन पैदा होने की संभावना है क्योंकि तहसीलदार तकनीकी योग्यता नहीं रखते हैं। इसलिए प्रमुख सचिव से प्रदेश के सभी जिलों के तहसीलदारों ने कलेक्टरों के माध्यम से सौंपे ज्ञापन में मांग की है कि तहसीलदारों को आधार आईडी से संबंधित काम से मुक्त किया जाए। इसके लिए जिलों में कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपा जा रहे हैं।