मध्यप्रदेश

एक रूट पर दौड़ रही चार कंपनियों की बसों के बीच बढ़ी प्रतिस्पर्धा से जनता हुई परेशान

भोपाल। एक दौर था जब मिनी बसों की खबरा सर्विस के चलते बीसीएलएल द्वारा संचालित बसों में आम आदमी का सफर सुखद और सुरक्षित था लेकिन अब यही बीमारी बीसीएलएल कंपनी की बसों को लग गई है जिसके चलते आम जनता का सफर आसान होने की बजाए दिक्कतों के भरा हो गया है। दरअसल बीसीएलएल द्वारा संचालित 300 बसों का जिम्मा चार कंपनियों के पास है और इनके बीच शुरु हुई प्रतिस्पर्धा से जनता परेशान है।

हालात यह है कि चौराहों पर सवारी बैठाने को लेकर विवाद है तो गाड़ी की ओवर स्पीड सड़क पर चल रहे आम आदमी के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। जानकारी के मुताबिक इन बस संचालकों द्वारा रखे गए अधिकांश ड्रायवर और कंडक्टर पुरानी मिनी बसों के स्टॉफ हुआ करते थे ऐसे में इन बसों को वे पुराने ढर्रे पर दौड़ाने लगे है जिससे आए दिन लाल बसों से दुर्घटनाओं की खबरें बढ़ी है। हालांकि बीसीएलएल के अधिकारी बस स्टॉफ की काउंसलिंग के अलावा समय-समय पर सवारियों से बेहतर व्यवहार की ट्रेनिंग देने की बात कह रहा है इसके बावजूद सड़क पर इन बसों की सर्विस मिनी बस जैसी होने लगी है।

इन बसो के बीच अधिकांश प्रतिस्पर्धा एमपी नगर,न्यू मार्केट,रेलवे स्टेशन,पुराना बस स्टेंड और लालघाटी स्थित हलालपुर बस स्टेंड पर सवारियों को बैठाने को लेकर है। हालात यह है कि 800 रूपए प्रतिमाह का पास जो पहले सभी बसों में वेलिड होता था अब आपरेटर्स इसे मानने को तैयार नहीं है। यही वजह है कि स्टूडेंंट,नौकरी पेशा और रोजगार के लिए शहर के एक कोने से दूसरे कोने तक जानेवाले लोगों के लिए यह सफर सुविधा की बजाए दुविधाजनक हो गया है।

इन कपंनियों के बीच है आपसी प्रतिस्पर्धा

शुरुआती दौर में करीब डेढ़ दशक पहले सबसे पहले 39 बसों के साथ बीसीएलएल ने शहर की यातायाता व्वस्था को सुधारने की कोशिश की तब उस दौर मेें कई आपरेटर्स इन बसों के पाटर्नर थे या इनका संचालन कर रहे थे। बाद में बीसीएलएल की बसों की संख्या बढऩे के साथ-साथ इन बसों का संचालन कंपनियों के पास आ गया। आज के दौर में चार कंपनियां इन बसों का संचालन कर रही है जिसके चलते शहर में 368 बसें सड़कों पर दौड़ रही है। इन कंपनियो के बीच प्रतिस्पर्धा की वजह एक रूट पर चारों कंपनियों की बसों का संचालन है जिससे इन बसों का मुनाफा आपस में न बांटना भी इसकीा एक वजह है।

चार कंपनियों द्वारा संचालित बसों की संख्या

  • दुर्गम्मा- 90 बसें
  • माय एसोसिएट्स- 149 बसें
  • इंक्यूबेट- 77 बसें
  • एपी मोटर्स- 52 बसें

बीसीएलएल पीआरओ संजय सोनी का कहना है कि भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड द्वारा जो बसे संचालित की जा रही है और जो लोगों को महीनेभर का पास जारी किया जा रहा है उस संबंध में शिकायतें आई है। इस मामले में सभी संचालक कंपनियों के अधिकारियों से चर्चा कर इसका समाधान निकाला जाएगा। साथ ही यदि ओवर स्पीड और आपसी प्रतिस्पर्धा के चलते जनता को परेशानी आ रही है तो इस संबंध में भी चर्चा की जाएगी।

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