मध्यप्रदेश

जिंदा व्यक्ति की निकाली शवयात्रा, जानिए क्यों

Mandsaur News: किसी की मौत होने पर उसकी अंतिम संस्कार के लिए शवयात्रा निकालने की परंपरा है। वहीं मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में बारिश होने के लिए अनोखा काम किया गया। यहां के निवासियों ने एक जिंदा युवक की शव यात्रा निकाली और बारिश होने की मनोकामना मांगी। इस दौरान शव यात्रा में काफी लोग मौजूद रहे। दरअसल यह बारिश के लिए किया गया एक टोटका था। लोगों की उम्मीद है कि इससे उनके यहां बारिश है।

मौसम विभाग ने भी विगत दिनो मंदसौर को सुखा क्षेत्र में घोषित कर दिया था। ऐसे में यहां के लोग बड़े निराश हो गए थे, तब थोड़े समय के लिए पानी गिरा था। मगर सही ढंग से आपूर्ति नहीं हो पाई थी। अब ये हाल है कि गर्मी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है तथा बादल तो होते हैं लेकिन बारिश के कोई आसार नहीं बनते। ऐसे में यदि समय पर बारिश नहीं हुई तो किसानों की सोयाबीन खराब हो जाएगी और क्षेत्र में फिर से बारिश न होने के कारण परेशानियां हो जाएंगी।

नहीं हो रही है बारिश

बारिश के लिए अपनी शव यात्रा निकलवाने वाले चैतन्य सिंह का कहना है कि यदि हम पर्यावरण, पेड़ पौधों का ध्यान नही रखेंगे तो आगे और परेशानी बढ़ेगी।कई लोगों की अर्थियां उठेंगीं। मंदसौर में बारिश नहीं हो रही है। मौसम विभाग ने मंदसौर जिले को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित कर दिया है। इससे लोग काफी परेशान हैं। लोगों ने कई टोटके आजमा कर देख लिए लेकिन बारिश नहीं हुई। अभी कुछ दिन पहले ही वहां थोड़ी सी बरसात हुई थी। लेकिन उसका असर ज्यादा नहीं हुआ। बारिश न होने से मंदसौर में गर्मी और उमस का असर तेज होता जा रहा है।

मंदसौर के स्थानीय लोगों कि मान्यता है कि अगर किसी जीवित व्यक्ति की शव यात्रा निकाली जाए तो बारिश हो सकती है। इसीलिए मंदसौर में जिन्दा व्यक्ति की शव यात्रा निकाली गई। ऐसे में बड़ी दिक्कत ये भी थी कि अपनी जिंदा शव यात्रा कौन निकलवाएगा। लोग इसी उधेड़-बुन में थे कि चैतन्य सिंह नाम के एक व्यक्ति सामने आए। वो अपनी शव यात्रा निकलवाने के लिए तैयार हुए। चैतन्य सिंह एक साल पहले तक शेख जफर थे। एक साल पहले ही उन्होंने हिन्दू धर्म अपनाया है।

चैतन्य सिंह का कहना है कि

चैतन्य सिंह को उठाकर उस अर्थी पर लेटाया गया और उनकी जिंदा रहते हुए शव यात्रा पूरे मन्दसौर में घुमाई गई। इस शव यात्रा में शहर के कई लोग भी शामिल हुए। लोगों का मानना है कि अब इस से भी प्रभु प्रसन्न हो जाएं और बादल बरस जाएं तो राहत मिल जाए।चैतन्य सिंह का कहना है कि यदि हम पर्यावरण, पेड़ पौधों का ध्यान नही रखेंगे तो आगे और परेशानी बढ़ेगी।  कई लोगों की अर्थियां उठेंगी। लोगों को पर्यावरण के लिए जागरुकता लानी होगी। 

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