अब सरकारी कर्मचारियों को देनी होगी प्रॉपर्टी की जानकारी, सही जानकारी नहीं देने पर होगी बड़ी कार्रवाई, आदेश जारी
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भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए एक बड़ा फरमान जारी किया है, जिसके तहत अब उन्हें अपनी संपत्ति का ब्योरा प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
सौरभ शर्मा की काली कमाई के खुलासे के बाद अब सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के काले खातों को उजागर करने की तैयारी कर ली है। सरकार ने फरमान जारी कर सरकारी कर्मचारियों से उनकी संपत्ति की जानकारी मांगी है। इसके साथ ही अधिकारियों को 31 जनवरी तक अपनी अचल संपत्ति का ब्योरा देना अनिवार्य कर दिया गया है। इस दौरान अगर अधिकारी या कर्मचारी तय समय सीमा के अंदर संपत्ति की जानकारी नहीं देते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पद और सैलरी की देनी होगी पूरी जानकारी
कर्मचारियों को अब अपने पद और वेतन की जानकारी प्रदान करनी होगी। सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशानुसार, सभी कर्मचारियों को यह जानकारी अपने-अपने विभाग की वेबसाइट पर अपलोड करनी अनिवार्य है। इसके अलावा, उन्हें यह भी बताना होगा कि वे किस जिले में कार्यरत हैं। नौकरी में शामिल होने से पहले की गई अचल संपत्ति की खरीद, उसकी प्रारंभिक और वर्तमान कीमत, तथा संपत्ति से होने वाली आय की जानकारी भी ऑनलाइन उपलब्ध करानी होगी।
ब्योरा नहीं दिया तो होगी कार्रवाई
कर्मचारियों के लिए संपत्ति का ब्योरा प्रस्तुत करने की अंतिम तारीख 31 जनवरी है। यदि इस तारीख तक किसी कर्मचारी ने अपना संपत्ति ब्योरा नहीं दिया, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस कार्रवाई में अनुशासनात्मक उपाय भी शामिल हो सकते हैं। सरकार ने सभी विभागों को यह निर्देश दिया है कि वे नियमित रूप से अपने कर्मचारियों की संपत्ति का सत्यापन करें और यह सुनिश्चित करें कि सभी ने अपने संपत्ति का ब्योरा सही ढंग से प्रस्तुत किया है।
ई-ऑफिस में ऑनलाइन एपीआर लागू
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में आईएएस, आईपीएस के अलावा कर्मचारियों के लिए भी ऑनलाइन एपीआर अनिवार्य कर दिया गया है। कर्मचारियों को एक साल बाद अपनी संपत्ति की जानकारी सरकार को देनी होगी। मंत्रालय से लेकर राज्य के सभी जिलों में पदस्थ कर्मचारियों के लिए ई-ऑफिस में ऑनलाइन एपीआर लागू कर दिया गया है। यह नियम सबसे पहले झारखंड, यूपी, बिहार और राजस्थान में लागू किया गया था, अब इसे मध्य प्रदेश में भी जारी कर दिया गया है।