नई आबकारी नीति पर विपक्ष की अभी से ही घेराबंदी

भोपाल। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने नई आबकारी नीति लागू होने के पहले ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने सरकार को घेरते हुए कहा कि ये सरकार तो पुरानी सरकार से भी शराब को लेकर आगे निकल गई है। अब शराब दुकान के 100 मीटर के दायरे में मिनी बार खोलने की तैयारी है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी शराब दुकानें खोले जाने को लेकर सरकार अपनी नई नीति ला रही है। वर्तमान में शराब की दुकानों में ही अवैध रूप से चल रहे अहातों को लेकर सवाल उठा है। पुलिस और आबकारी विभाग की मिलीभगत से चल रहे इन अहातों को लेकर अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। शिवराजसिंह सरकार इन अहातों को शराबबंदी के पहले कदम के रूप में बंद करके गई थी। हालांकि सरकार ने नई नीति का ड्राफ्ट भी अभी तक जारी नहीं किया है, लेकिन पटवारी ने कहा कि चर्चा है कि जो अहाते शिवराज सरकार के कार्यकाल में बंद किए थे, उनकी जगह मोहन सरकार अब परमिट रूम खोलने की तैयारी कर रही है। यानी परमिट लो और खूब शराब पिलाओ। उन्होंने यह भी कहा कि शराब दुकान के 100 मीटर के दायरे में मिनी बार के तौर पर लाइसेंस दिए जाने की तैयारी भी सरकार ने कर ली है, जहां बैठकर लोग शराब पीएंगे। राजस्व बढ़ाने के चक्कर में सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में 211 नई दुकानें खोले जाने का प्रस्ताव इस आबकारी नीति में रख सकती है।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में 2005 में 2270 शराब दुकानें थीं, लेकिन अब 2025 में 3 हजार 605 दुकानें हो गई हैं। शराब दुकानों के ठेके भी 20 प्रतिशत ज्यादा लाइसेंस फीस के साथ रिन्यू होंगे, यानी सरकार अपना राजस्व बढ़ाएगी। पटवारी का कहना है कि धार्मिक नगरों में शराब की दुकानों पर प्रतिबंध लगाने की जो घोषणा की जा रही है, वह केवल इन मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए हैं। इसमें बड़े स्तर पर वसूली और कमीशनबाजी होगी। पटवारी ने कहा कि उम्मीद थी पुण्य की लालसा में धर्मनगरी में पला व्यक्ति नशे के नाश को समझेगा, किंतु आपने तो पुरानी सरकार को भी पछाड़ दिया है नशे से पीढिय़ा बर्बाद हो रही है और सरकार को इस बात को समझना चाहिए।