महबूबा की नीतीश और चंद्रबाबू नायडू से अपील, वक्फ संशोधन विधेयक को पास होने से रोकें

जम्मू । जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एनडीए गठबंधन के सहयोगियों नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को पत्र लिखकर संसद में पेश होने वाले वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को रोकने का आग्रह कर कहा है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। पीडीपी नेता महबूबा ने नायडू और नीतिश कुमार को संयुक्त रूप से पत्र लिखकर कहा कि दोनों देश के संविधान में भरोसा रखते हैं और लगातार गंगा-जमुना भाईचारे की भावना का समर्थन करते हैं।
महबूबा ने पत्र में लिखा कि एनडीए के प्रमुख सदस्यों के रूप में आप मामले को प्रभावित करने और हमले को रोकने के लिए विशिष्ट रूप से तैनात हैं। मैं ईमानदारी से आपसे हस्तक्षेप करने और विधेयक को हमारी राष्ट्रीय एकता और सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाने से रोकने का आग्रह करता हूं। महबूबा ने कहा कि प्रस्तावित संशोधन न केवल मुस्लिम समुदाय के हितों का खंडन करता है, बल्कि संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों पर सीधा हमला करता है।
मुफ्ती ने कहा, यह गहरा विभाजनकारी बिल बहुसंख्यकवाद की स्पष्ट अभिव्यक्ति है, जिसने 2014 से कट्टरता को बढ़ावा दिया है और मुस्लिम समुदाय को नुकसान पहुंचाया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने जेपीसी के प्रति विपक्ष द्वारा उठाई गई शंकाओं की घोर उपेक्षा पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि असंवैधानिक और सत्तावादी बिल से सबसे अधिक प्रभावित समुदाय से परामर्श करने के किसी भी वास्तविक प्रयास के बिना परामर्श की कवायद हास्यास्पद लगती है। वक्फ के स्वामित्व वाली संपत्तियों के सुधार के रूप में तैयार किया गया, इसका असली उद्देश्य वक्फ अधिनियम की नींव को कमजोर करना है, जो धार्मिक और धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए मुसलमानों के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए समर्पित संपत्तियों की रक्षा और संरक्षण करना है। इस बीच श्रीनगर निर्वाचन क्षेत्र से सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस के लोकसभा सदस्य रुहुल्लाह मेहदी ने भी कहा है कि कुमार और नायडू दोनों को विधेयक के समर्थन में मतदान नहीं करना चाहिए।