छत्तीसगढ

सारंगढ़-बिलाईगढ़ : चिरायु से जन्मजात पैर की विकृति से ग्रसित बच्चों का इलाज हुआ संभव

सारंगढ़-बिलाईगढ़ : चिरायु से जन्मजात पैर की विकृति से ग्रसित बच्चों का इलाज हुआ संभव

OFFICE DESK : चिरायु दल बरमकेला द्वारा आंगनबाड़ी में स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान पैर की विकृति (क्लब फुट) से ग्रसित कई बच्चों का चिन्हांकन किया गया। उनके परिजनों को अवगत कराया गया

कि उचित समय में इलाज करा लेने पर विकृत पैर सामान्य हो सकता है। चिरायु दल द्वारा दिए गए मार्गदर्शन के फलस्वरूप बच्चों के परिजनों ने इलाज हेतु तत्परता दिखाई।

इस प्रकार जिला अस्पताल रायगढ़ में प्रत्येक बुधवार को आयोजित होने वाले क्लब फुट डे शिविर में ग्राम कंडोला निवासी कृष्णा चौहान उम्र 4 महीना पिता टीकाराम चौहान, ग्राम भीखमपुरा के शबिर सिदार उम्र 4 महीना पिता बिलाईगढ़िया सिदार ,

ग्राम तरेकेला के सचिन कोडाकु उम्र 6 वर्ष पिता गजेंद्र कोडाकू , ग्राम मेड्रा के तेजस पटेल उम्र 3 महीना पिता अशोक पटेल, ग्राम अडभार के पायल चौहान उम्र 2.5 वर्ष पिता रूपचंद चौहान तथा प्रीतम खड़िया उम्र 3 वर्ष उत्तरा कुमार खड़िया को इलाज के लिए ले जाया गया। जिला अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा जांचोपरांत उचित सलाह दी गई एवम इनमें से एक बच्चे के पैर की कास्टिंग प्रक्रिया की गई तथा जरूरतमंद बच्चों को करेक्शन शूज नि:शुल्क उपलब्ध कराया गया।

चिरायु के समस्त कार्यक्रम में जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एफ. आर. निराला, डी.पी.एम. एन. एल. ईजारदार, चिरायु नोडल अधिकारी डॉ. प्रभुदयाल खरे, खंड चिकित्सा अधिकारी बरमकेला डॉ. अवधेश पाणिग्राही , बी.पी.एम. ईश्वर प्रसाद दिनकर, चिरायु टीम के डॉ. सुरेन्द्र सिंह , डॉ. हेमलता रायसागर,

डॉ. नीतू भगत, फार्मासिस्ट प्रवीण कुमार पाणिग्राही, कविता पटेल, ए.एन. एम. राधा खूंटे, अनिता तांडी, का विशेष सहयोग रहा। चिन्हित बच्चों व टीम को समय पर सुरक्षित लाने ले जाने में सक्रिय समर्पित चिरायु वाहन चालक हीराचंद व उद्धव यादव का सराहनीय कार्य रहा।

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