छत्तीसगढ

CG- पेड़ के नीचे प्रसव : स्वास्थ्य केंद्र पर लटका ताला; महिला ने पेड़ के नीचे दिया बच्चे को जन्म

CG- पेड़ के नीचे प्रसव : स्वास्थ्य केंद्र पर लटका ताला; महिला ने पेड़ के नीचे दिया बच्चे को जन्म

कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य कर्मी अपनी जिम्मेदारियों को लेकर कितने लापरवाह बने हुए है इसका ताजा उदाहरण ब्लॉक के ग्राम कोरकोमा में देखने को मिला है।

यहां के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ताला लगा होने के कारण प्रसुता का पेड़ के नीचे ही प्रसव कराना पड़ा. अस्पताल में ताला लगा होने की वजह से प्रसव पीड़ा से कहरा रही गर्भवति महिला की आनन-फानन में पेड़ के नीचे ही डॉक्टर की मौजूदगी में डिलीवरी की गई. हालांकि महिला और बच्चा दोनों सुरक्षित है,

लेकिन इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल दी है। हेल्थ मिनिस्टर विदेश जाकर हजारों फीट ऊपर से हवा में छलांग लगा कर करतब दिखा रहे हैं तो इधर हेल्थ का सिस्टम ही बीमार प्रतीत हो रहा हैं।

दरअसल प्रसव पीड़ा से कराह रही गर्भवति महिला को गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मे लाया गया था, जहां नर्सिंग स्टाफ अस्पताल में ताला जड़कर नदारद हो गया था. लगातार फोन करने के बाद भी स्टाफ द्वारा जब कोई जवाब नहीं दिया तो मजबूरी में चिकित्सक को पेड़ के नीचे गर्भवति महिला का प्रसाव कराना पड़ा ,

नर्सिंग स्टाफ द्वारा की गई इस लापरवाही के चलते दस बिस्तरों वाले इस अस्पताल के बाहर गर्भवति महिला का प्रसव पेड़ के नीचे किया गया. नर्सिंग स्टाफ द्वारा चाबी लेकर नदारद हो जाने और मोबाईल फोन रिसीव नहीं करने के बाद उन्हें मैसेज भी किया गया, जिसका उनके द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया.

इस स्थिति में अस्पताल के चिकित्सक और एक अन्य स्टाफ ने भी खुद को लाचार पाया और मूक दर्शक बनकर बदहाल स्वास्थ्य सुविधा का तमाशा देखते रहे. वहीं अब स्वास्थ्य विभाग पर कई तरह के सवाल खड़े होने लगे है।

बताया जा रहा है कि ग्राम दरगा से धन सिंह कंवर अपनी पत्नी को डिलीवरी के लिए कोरकोमा स्थित अस्पताल लेकर पहुंचा था, लेकिन नर्सिंग स्टाफ की गैर मौजूदगी के चलते अस्पताल में ताला लटका मिला. लिहाजा मजबूरी में महिला का प्रसव पेड़ के नीचे कराना पड़ा. इस दौरान जच्चा और बच्चा को कुछ हो जाता तो उसका जवाबदेह कौन होता यह एक बड़ा सवाल है।

ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य कर्मियों की इस तरह की लापरवाही अक्सर सामने आती रहती है. बावजूद इसके कार्रवाई को लेकर स्वास्थ्य विभाग कड़ा रुख नहीं अपनाता, जिसके कारण इस तरह की घटनाएं बार-बार होती रहती है. इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जरुरत है, ताकी आम जनता को किसी तरह की दिक्कतों का सामना ना करना पड़े।

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