छत्तीसगढ

रायपुर : बाड़ी की सब्जियों से समृद्धि का तड़का : एक सीजन में ही 60 हजार रूपये से अधिक की कमाई, अब जिमीकांदा, हल्दी की भी हो रही खेती…..

रायपुर : बाड़ी की सब्जियों से समृद्धि का तड़का : एक सीजन में ही 60 हजार रूपये से अधिक की कमाई, अब जिमीकांदा, हल्दी की भी हो रही खेती

OFFICE DESK : रसोई में बन रही सब्जी में तड़के से बदलते स्वाद की तरह ही सब्जी की खेती से गांव के महिला समूहों के सदस्यों के जीवन में समृद्धि का तड़का लग रहा है।

गौठानों से जुड़ी बाड़ियों में सब्जियां उगाकर महिलाएं अब अतिरिक्त आमदनी कर रही है। रायपुर जिले के धरसीवां विकासखण्ड के चरौदा गौठान में सब्जी उत्पादन में लगी स्पर्श स्नेह महिला स्व-सहायता समूह की सदस्यों ने सब्जी की खेती कर एक सीजन में ही 60 हजार रूपये से अधिक की आमदनी कर ली है।

अब यह समूह जिमीकांदा, हल्दी जैसे अधिक फायदा देने वाले सब्जी-मसालें की खेती कर रहा है। सब्जी बेंचकर स्व-सहायता समूह की महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हो रही है। होने वाले फायदे से घर-गृहस्थी चलाने में परिवार की सहयोगी भी बन रही है।

रायपुर जिले के धरसीवां विकासखंड अंतर्गत ग्राम चरौदा के गौठान  में स्पर्श स्नेह स्व सहायता समूह की महिलाएं बाड़ी विकास योजना के तहत इस बार 4 एकड़ से अधिक में जिमी कांदा, हल्दी लगाई है। पिछले सीजन की तरह ही समूह की महिलाओं को इस बार भी मौसमी सब्जियों का उत्पादन कर एक निश्चित आय होने की उम्मीद हैं।

समूह की अध्यक्ष किरण साहू ने बताया कि स्पर्श स्नेह स्व सहायता समूह में 13 सदस्य काम कर रही हैं। गत वर्ष समूह के सदस्यों द्वारा जिमी कांदा, मिर्ची, बैंगन सहित अन्य मौसमी सब्जी का उत्पादन किया गया। जिसमें उसे लगभग साठ हजार से अधिक की आमदनी हुई। उन्होंने बताया

कि इस वर्ष 2 एकड़ में जिमी कांदा और 2 एकड़ में हल्दी लगाया गया है। उन्होंने बताया कि समय-समय पर पंचायत ,उद्यानिकी ,पशुपालन एवं कृषि विभाग द्वारा आवश्यक मार्गदर्शन एवं सहायता प्रदान किया जाता है।

समूह की अन्य दीदियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान योजना एवं नरवा गरवा घुरवा बाड़ी योजना से समूह की महिलाओं को आजीविका गतिविधि करने हेतु प्रेरणा प्राप्त हुआ।

समूह की दीदीयों ने बताया कि चरोदा गौठान में वर्मी कंपोस्ट खाद निर्माण, बाड़ी विकास, बकरी पालन, मुर्गी पालन  एवं अन्य आजीविकामुलक  गतिविधियां संचालित की जा रही है। गौठान में पर्याप्त पानी एवं जमीन की उपलब्धता होने से उन्हें सब्जी उत्पादन में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो रही है।

बाड़ी विकास योजना के तहत सभी दे दिया आप एक निश्चित आय अर्जित कर रही हैं जिससे उनका मान सम्मान बढ़ा है। उन्होंने बताया कि गौठान अजूबा गतिविधि से उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आया है

तथा सभी महिलाएं आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सुदृढ़ हुई हैं। उन्होंने इसके लिए राज्य सरकार के प्रति आभार भी जताया है। साथियों उन्होंने यह भी कहा कि आजीविका गतिविधि हेतु शासकीय विभागों के द्वारा प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन की और आवश्यकता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button