बाबाओं के प्रभाव से अछूती नहीं प्रदेश की राजनीति, जानिए कैसी निभा रहे भूमिका
भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। भाजपा ने 39 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी भी कर चुकी है। कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के बड़े नेता जन आशीर्वाद और जन आक्रोश यात्रा के जरिए मतदाताओं से लगातार संपर्क कर रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस एक-दूसरे दल के खिलाफ जमकर हमला भी बोल रहे हैं, लेकिन प्रदेश की राजनीति में इन नेताओं के अलावा एक और वर्ग है, जिसका वर्तमान में बड़ी भूमिका है। वह है बाबाओं और महात्माओं की।
प्रदेश की राजनीति में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कम्प्यूटर बाबा और मिर्ची बाबा उर्फ वैराग्यानंद गिरी का जमकर प्रभाव देखा गया। इस बाद बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्णा शास्त्री और कुबेरेश्वर धाम सीहोर के कथावाचह पंडित प्रदीप मिश्रा का बड़ा प्रभाव देखने को मिल रहा है। दोनों कथावाचकों की कथाएं भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के नेता करा रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, पूर्व मंत्री संजय पाठक सहित भाजपा और कांग्रेस के दर्जन भर से अधिक नेताओं ने दोनों कथा वाचकों की कथाएं अपने-अपने क्षेत्र में करा चुके हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है कि दोनों बाबाओं/कथा वाचकों के भक्तों और समर्थकों की संख्या लाखों में है, जो मतदाता भी हैं। ऐसे में दोनों दलों के नेता उनकी कथा/प्रवचन कराकर मतदाताओं को साधने की जुगत में जुटे हुए हैं।
इन दोनों कथा वाचकों के साथ ही कम्प्यूटर बाबा, मिर्ची बाबा और पंडोखर धाम के गुरु शरण शर्मा ये सब भी समय-समय पर अपने बयानों से प्रदेश की राजनीति में तड़का लगाते रहते हैं। हालांकि ये तीनों पिछले चुनाव में भी सक्रिय थे इस बार फिर सक्रिय हैं। आगे आने वाले समय में इनका रोल दिखाई देगा।
छतरपुर के धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री
छतरपुर के बागेश्वरधाम पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का असर भी समाज पर गहरा है। ऐसे में विधानसभा चुनाव 2023 के दावेदार अपनी-अपनी विधानसभा में वोटरों को साधने के लिए बाबा की कथा का सहारा ले रहे हैं। बाबा हनुमंत कथा सुनाते हैं। इसे सुनने बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। इससे दावेदार को अच्छा प्रचार मिल जाता है। हालांकि बाबा की कथा करवाने में अच्छा खासा खर्चा होता है।
शिव कथा सुनाने वाले पंडित प्रदीप मिश्रा
शिव कथा सुनाने वाले पंडित प्रदीप मिश्रा के भी प्रदेश और देश दुनिया में अनन्य भक्त हैं। इसका लाभ विधानसभा चुनाव में विधानसभा चुनाव लडऩे के दावेदार लेना चाहते हैं। ऐसे में वे पंडित जी की कथा अपनी विधानसभा में करवा रहे हैं। कई करवा चुके हैं और कई लाइन में लगे हैं। मिश्रा को सुनने भी लोग दूर दूर से पहुंचते हैं।
मिर्ची बाबा
मिर्ची बाबा भी जेल से बाहर आते ही मध्यप्रदेश की राजनीति में सक्रिय हो गए हैं। 2023 के चुनाव में बाबा की भी अपनी भूमिका होगी। बाबा किस की तरफ से बल्लेबाजी करें अभी ये कहना मुश्किल होगा। हालांकि बाबा ने कुछ दिन पहले ही भोपाल में पीसीसी के धरना दिया था। इससे पहले मिर्ची बाबा ने अपना मुंडन भी कराया था। बता दें मिर्ची बाबा दुष्कर्म के मामले में बरी होकर जेल से बाहर आए हैं।
कंप्यूटर बाबा
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कंप्यूटर बाबा एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले कंप्यूटर बाबा पूरे प्रदेश में गो बचाओ यात्रा यात्रा निकालने जा रहे हैं। इसके पहले विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में भी बाबा पूरी तरह से राजनीति में सक्रिय थे। बाबा की गो बचाओ यात्रा चित्रकूट से 26 सितंबर को शुरू होगी।
पंडोखर धाम गुरु शरण शर्मा
पंडोखर धाम की पीठाधीश्वर पंडित गुरु शरण शर्मा को भी राजनीति पसंद है। पिछले चुनाव में भी शर्मा ने मोर्चा खोला था। इस बार फिर अपने बड़े बयान के साथ चर्चाओं में आए हैं। पंडोखर सरकार ने पर्चे पर लिखकर लोगों का भविष्य बताने वाले बाबाओं को चेलेंज दिया है। उन्होंने कहा है कि जो भी बाबा किसी भी व्यक्ति के विषय में सटीक जानकारी देगा, उसे चांदी का मुकुट और 11 लाख का इनाम दिया जाएगा।