छत्तीसगढ

पेट सूजने से परेशान थी लड़की, डॉक्टरों ने निकाला 11 किलो का ट्यूमर

कोंडागांव । बस्तर संभाग में 20 साल की लड़की के पेट से 11 किलो का ट्यूमर निकाला गया। कई घंटो के मशक्कत के बाद डॉक्टरों ने इस बड़े ऑपरेशन को सफल बनाया।

यह पूरा ऑपरेशन जिला अस्पताल कोण्डागांव के डॉक्टरों ने किया। पूरा मामला कोंडागांव जिले के मर्दापाल थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कुधूर गांव का है। जिले का यह इलाका घोर नक्सल प्रभावी क्षेत्र माना जाता है।

यह नक्सल भय के चलते स्वास्थ्य के प्रति लोगों में जागरूकता की कमी है। इसके चलते ग्रामीण अपना सही उपचार भी नहीं करवा पाते थे। कई मामले तो ऐसे भी रहे, जिनमें ग्रामीण समय पर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया नहीं होने से दम तक तोड़ देते थे।

अब छत्तीसगढ़ प्रदेश सरकार की पहल के बाद कोण्डागांव जिले की तस्वीर बदल रही है। स्वास्थ्य सुविधा के क्षेत्र में कोण्डागांव जिला में कई बड़े-बड़े कीर्तिमान स्थापित किए जा रहे हैं।

इसी कड़ी में आज कोण्डागांव के जिला अस्पताल में नक्सल प्रभावित कुधूर गांव की गुमियापाल निवासी 20 वर्षीय पार्वती नाग के पेट से 11 किलो से अधिक वजन का ट्यूमर निकाला गया है।

ऐसा पहली बार है जब कोण्डागांव जिला ही नहीं पूरे बस्तर संभाग में 11 किलो से अधिक वजन का ट्यूमर का सफल ऑपरेशन किया गया हो। कभी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए कोण्डागांव के लोगों को प्रदेश की राजधानी या पड़ोसी राज्य जैसे विशाखापट्टनम, भुवनेश्वर, पुणे, मुंबई, हैदराबाद इत्यादि के महंगे अस्पतालो के ही भरोसे उपचार संभव हो पाता था।

इन महंगे अस्पतालों तक कोण्डागांव जिला के दूरस्थ क्षेत्र में बसने वाले ग्रामीणों कि पहुंच कोसों दूर थी। छत्तीसगढ़ प्रदेश सरकार की पहल के बाद कोण्डागांव जिले की तस्वीर तेजी से बदलने लगी है। कभी महंगे अस्पतालों के भरोसे स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध लेने वाले कोण्डागांव जिले में भी अब वहीं स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होने लगी है।

इसका सीधा लाभ अब कोण्डागांव जिला के अत्यंत दूरस्थ नक्सल प्रभावित के ग्रामीणों को भी मिलने लगा है। ताजा मामला 6 फरवरी को कोण्डागांव के जिला अस्पताल में दर्ज हुआ है।

नक्सल प्रभावित मर्दापाल क्षेत्र के कुधूर गांव अंतर्गत गुमियापाल निवासी गडरू नाग की 20 वर्षीय बेटी पार्वती नाग के पेट में लगभग 2 वर्ष पूर्व सूजन दिखाई दिया। जब पार्वती नाग के पेट में सूजन दिखाई दिया तो बरसों से चली आ रही प्रथा अनुसार इस नक्सल प्रभावित गांव में देसी तरीके से उसका झाड़-फूंक किया गया।

लेकिन समस्या इतनी गंभीर थी कि देसी झाड़-फूंक और सिरह गुनिया का झाड़ फूंक पार्वती नाग के पेट के सूजन को रोक ना पाया। अज्ञानता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की कमी के चलते लगभग 2 वर्ष तक पार्वती अपने पेट की पीड़ा को पालती रही। जिससे सूजन धीरे-धीरे एक विशालकाय गोला में बदल गया।

इधर 2 साल के अंतराल में कुधूर में पुलिस कैंप स्थापित हुआ और जनजीवन सामान्य होने लगा। इसी बीच पार्वती जिला अस्पताल के संपर्क में आई।

जिला अस्पताल के शिशु एवं मातृ अस्पताल में पदस्थ गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर आकृति शुक्ला व उनकी टीम ने जांच में पाया कि, पार्वती के पेट में एक बड़ा ट्यूमर है, जिसे तत्काल ऑपरेशन के माध्यम से ही निकाला जा सकता है।

परिवार की रजामंदी के बाद 6 फरवरी को पार्वती नाग का जिला अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में सफलतम ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के बाद पार्वती नाग के पेट से 11 किलो के अधिक वजन का ट्यूमर निकाला गया है। यदि पार्वती के पेट का ट्यूमर नहीं निकाला जाता तो कुछ समय के बाद उसकी जान बचाने मुश्किल हो जाती।

वीओ 03 – सफल ऑपरेशन की उपलब्धि पर कोण्डागांव के कलेक्टर दीपक सोनी ने कहा कि, छत्तीसगढ़ भूपेश बघेल सरकार के निर्देश पर जिला अस्पताल में बेहतर सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है। इसके फलस्वरूप आज कोण्डागांव के जिला अस्पताल में अब तक का सबसे बड़ा ट्यूमर ऑपरेशन सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया है।

वही जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर आरसी ठाकुर ने कहा कि, निश्चित ही क्षेत्र का यह सबसे बड़ा ट्यूमर ऑपरेशन है। उन्होंने लोगों को अवेयर करते हुए संदेश दिया है कि, जिला अस्पताल में सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध है। किसी भी बीमारी का तत्काल उपचार के लिए जिला अस्पताल में संपर्क करें, ताकि मरीज को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जा सके।

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