शिवराज ने जय-वीरू की जोड़ी को लेकर कांग्रेस पर कसा तंज, कमलनाथ ने कहा इसी जोड़ी ने गब्बर के आतंक से मुक्ति दिलाई
भोपाल। जैसे-जैसे मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव का प्रचार जोर पकडऩे लगा है, वैसे-वैसे ही राजनेताओं के शब्द बाण भी तेज होते जा रहे हैं। सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के नेताओं के बीच शब्दबाण तेज होते जा रहे हैं। दोनों दलों के प्रमुख नेताओं द्वारा एक दूसरे पर जमकर राजनीतिक हमले और तंज किए जा रहे हैं। दोनों दलों के नेताओं द्वारा आरोप-प्रत्यारोप भी लगाए जा रहे हैं।
इसी कड़ी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक दिन पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को जय और वीरू की जोड़ी बताई थी। मुख्यमंत्री ने कहा था कि जय-वीरू की जोड़ी को दिल्ली बुलाया गया है, अब कहते हैं कि भाजपा भ्रम फैला रही है। इसके जवाब में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने आज ट्वीट कर पलटवार किया है। कमलनाथ ने अपने ट्वीट में कहा है कि जय और वीरू की जोड़ी ने ही गब्बर के आतंक से जनता को मुक्ति दिलाई थी। मध्यप्रदेश की जनता 18 वर्ष के अत्याचार से त्रस्त है। अत्याचार का अंत करने का समय आ गया है और बाकी आप समझदार हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि लूट के माल के लिए लड़ रहे हैं
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पार्टी पर सवाल उठाते हुए कहा था कि ये जय और वीरू की जोड़ी है, जिसे दिल्ली बुलाया गया। अब वो कहते हैं कि भाजपा भ्रम फैला रही है तो दिल्ली क्यों बुला रही है। कांग्रेस के जय और वीरू झगड़ रहे हैं, और ये लड़ रहे हैं लूट के माल के लिए। जय और वीरू तो लूटते ही थे, इनका झगड़ा है लूट के माल के लिए। पहले भी 2003 तक मिस्टर बंटाधार में पूरे प्रदेश को लूटा और बर्बाद कर दिया सवा साल में कमलनाथ जी ने भी लूट का अड्डा बना दिया था।
अब कौन लूटेगा मध्यप्रदेश इसको लेकर झगड़ा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि मध्यप्रदेश को अब आगे कौन लूटे और कितना लूटे और उसमें कितनी हिस्सेदारी हो झगड़ा इनका केवल इस बात का है। अब दिल्ली भी पता नहीं इन पर किस मुद्दों पर चर्चा कर रही है। क्या दिल्ली भी इसमें शामिल है।
छोड़ रहे चुनावी तीर
विधानसभा चुनाव के इस दौर में दोनों ही पार्टियों के नेताओं की ओर से चुनावी तीर छोड़े जा रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जहां पूवज़् मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूवज़् मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर निशाना साथ रहे हैं। वहीं, जवाब में कमलनाथ भी शिवराज सिंह पर बराबर हमला कर रहे हैं। जय-वीरू और गब्बर से पहले भी शिवराज और कमलनाथ दोनों एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप करते रहे हैं।