विदेश

पुतिन के लिए यूक्रेन होगा क्रिसमस गिफ्ट; जेलेंस्की से मिलने के बाद बाइडेन ने क्यों कहा ऐसा…

 रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को दो महीनों में तीन साल पूरे हो जाएंगे।

करीब 90 फीसदी सैनिकों के मारे जाने और आधे से अधिक टैंक बर्बाद होने के बावजूद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन को हड़पने की चाह अभी तक खत्म नहीं की है।

इस महायुद्ध में अमेरिका समेत कई यूरोपीय देश फ्रंटफुट पर यूक्रेन को मदद कर रहे हैं। इन्हीं मदद के दम पर यू्क्रेन की सेना रूस पर भारी पड़ रही है।

इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक बार फिर यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडोमिर जेलेंस्की से मुलाकात की। बाइडेन ने यूक्रेन को मदद जारी रखने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका पीछे हटा तो पुतिन के लिए यह क्रिसमस गिफ्ट होगा। बता दें कि अमेरिका यू्क्रेन को अभी तक 1100 मिलियन डॉलर की मदद कर चुका है।

हालांकि यूक्रेन को मदद भेजना अमेरिका के लिए उतना आसान नहीं है। अमेरिका में अंदरखाने यूक्रेन को लेकर दो राय है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन के सर्वोच्च नेता वलोडिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की और कहा कि अगर कांग्रेस कीव के लिए नई सैन्य सहायता पारित करने में विफल रहती है तो यह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए एक “क्रिसमस उपहार” जैसा होगा।

इस दौरान बाइडेन ने ऐलान किया कि अमेरिका नई सहायता के तहत यूक्रेन को 60 मिलियन डॉलर की मदद करेगा।

हालांकि उन्होंने संदेह जताया कि कुछ अमेरिकी सांसद इस मदद का विरोध कर रहे हैं। व्हाइट हाउस में एक उच्च-स्तरीय बैठक में बाइडेन और ज़ेलेंस्की ने रूसी आक्रामकता के खिलाफ फिर संयुक्त मुहिम का आह्वान किया।  

कौन सांसद कर रहे मदद का विरोध
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि वे यूक्रेन को मदद करना चाहते हैं लेकिन, रिपब्लिकन पार्टी के सांसद नहीं चाहते कि अब यूक्रेन को और मदद की जाए।

व्हाइट हाउस के मुताबिक, रिपब्लिकन पार्टी के सांसद अमेरिकी सीमाओं पर सुरक्षा मजबूत करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि पैसा यूक्रेन को देने के बजाय सीमा को मजबूत करने में की जाए।

दरअसल, विपक्षी सांसदों को संदेह है कि इजरायल-हमास और यूक्रेन-रूस युद्ध में अमेरिका की भूमिका के बाद देश की सुरक्षा को बड़ा खतरा पैदा हो गया है।

अमेरिकी मदद के भरोसे यूक्रेन
रूस और यूक्रेन के बीच दो साल से अधिक समय से चल रहे युद्ध में अमेरिकी की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रही है। अमेरिका पहले से ही रूस का प्रबल विरोधी रहा है।

अब क्योंकि फरवरी 2021 से रूस यूक्रेन के खिलाफ जंग शुरू कर चुका है। अमेरिका ने खुले तौर पर यूक्रेन को अपना समर्थन दिया है। आर्थिक मदद के अलावा सैन्य सहायता से अमेरिका रूस को लगातार झटके दे रहा है।

अमेरिकी मदद के भरोसे ही यूक्रेन इतने वक्त तक रूस के खिलाफ खड़ा है और मजबूती से युद्ध लड़ रहा है।

अब अगर यू्क्रेन को अमेरिकी मदद नहीं मिलती है तो यु्द्ध में यूक्रेन को बड़ी क्षति हो सकती है। ऐसी रिपोर्ट है कि अमेरिकी मदद के बिना यूक्रेन युद्ध में ज्यादा नहीं टिक पाएगा। रूस को इसी का इंतजार है।

उधर, बाइडेन के यूक्रेन को सैन्य मदद भेजना इतना आसान नहीं है, क्योंकि इसके लिए सरकार को संसद में प्रस्ताव पास कराना होगा और बिना विपक्षी समर्थन के ऐसा काफी मुश्किल है।

यही वजह है कि यूरोप के सैकड़ों सांसदों ने पत्र लिखकर रिपब्लिकन सांसदों से अपील की है कि अमेरिकी मदद रुकनी नहीं चाहिए।

यूरोपीय सांसदों ने आशंका जताई है कि अगर रूस यूक्रेन में अपनी योजना पूरी करने में कामयाब रहा तो आने वाले वक्त में यूरोप के अन्य देशों पर भी रूसी हमले का खतरा बढ़ जाएगा।  

रूस ने एक रात में दागे 42 ड्रोन और 6 मिसाइलें
यूक्रेन और रूस में चल रहे युद्ध के बीच कीव ने ताजा बयान में कहा कि रूस ने रात भर में यूक्रेन पर 42 ड्रोन और 6 मिसाइलें दागीं।

यूक्रेन की वायु रक्षा प्रणालियों ने 41 ड्रोन नष्ट कर दिए, लेकिन मलबे ने इमारतों, गोदामों को क्षतिग्रस्त कर दिया। साथ ही दक्षिणी क्षेत्रों में हमले से 11 लोग घायल हो गए। 

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