अमेरिका ने फिर बढ़ाया मदद का हाथ, इजरायल ने गाजा में तेज कर दिए हमले…
इजराइल के युद्धक विमानों ने शनिवार को मध्य गाजा में दो शहरी शरणार्थी शिविरों पर हवाई हमले किए।
दुनिया के संघर्ष विराम के आह्वान के बीच बाइडन प्रशासन ने इजराइल को एक नए आपात हथियार की बिक्री के लिए मंजूरी दे दी।
इजराइल का कहना है कि वह हमास के खात्मे तक अपने जबरदस्त हवाई और जमीनी हमले को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है। अमेरिका ने कूटनीतिक रूप से इजराइल की रक्षा की है और हथियारों की आपूर्ति जारी रखी है।
इजराइल का तर्क है कि अब युद्ध समाप्त करने का मतलब हमास की जीत होगी। हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को बेरूत में ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया कि समूह अपने इस रुख से पीछे नहीं हटा है कि समूह द्वारा बंधक बनाकर रखे गए इजराइली और विदेशी नागरिकों की रिहाई के लिए स्थायी संघर्ष विराम शुरुआती बिंदु होना चाहिए।
दक्षिणी इजराइल पर सात अक्टूबर को हमास के हमले के कारण शुरू हुए युद्ध में गाजा पट्टी में लगभग 85 प्रतिशत लोग विस्थापित हो चुके हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने गाजा में शनिवार को कहा कि युद्ध शुरू होने के बाद से फलस्तीनी मृतकों की संख्या बढ़कर 21,672 हो गई है, जबकि इसी अवधि के दौरान 56,165 लोग घायल हुए हैं।
मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ अल-किद्रा ने बताया कि पिछले 24 घंटे में 165 लोगों की मौत हो गई।
नुसीरात और ब्यूरिज के शहरी शरणार्थी शिविरों के निवासियों ने शुक्रवार को रातभर और शनिवार को इजराइली हवाई हमलों की सूचना दी।
नुसीरात निवासी मुस्तफा अबू वावी ने कहा कि उनके एक रिश्तेदार के घर पर हमला हुआ, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई।
नुसीरात में शुक्रवार देर रात दूसरे हमले में अल-कुद्स टेलीविजन चैनल के एक पत्रकार के घर को निशाना बनाया गया। चैनल ने कहा कि पत्रकार जाबेर अबू हैद्रोस और उनके परिवार के छह सदस्य मारे गए।
ब्यूरिज निवासी रामी अबू मोसाब ने कहा कि रात भर पूरे शिविर में गोलियों की आवाजें गूंजती रहीं।
इस बीच अमेरिकी विदेश विभाग ने शुक्रवार को कहा कि विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कांग्रेस को बताया कि उन्होंने फ्यूज, चार्ज और प्राइमर सहित कई उपकरणों के लिए 14.75 करोड़ डॉलर की बिक्री को मंजूरी दे दी है।
विभाग ने मंजूरी दिये जाने के कारण के रूप में ”इजराइल की रक्षात्मक जरूरतों” का हवाला दिया और कहा कि ”यह सुनिश्चित करना अमेरिकी राष्ट्रीय हितों के लिए महत्वपूर्ण है कि इजराइल अपने समक्ष खतरों के खिलाफ खुद की रक्षा करने में सक्षम हो सके।”